छत्तीसगढ़ के धमतरी के गंगरेल बांध के 14 गेट 2 अगस्त को बतौर ट्रायल खोले गए। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बांध के गेट और मशीनों की जांच की गई। गंगरेल के लबालब होने की चर्चा है, लेकिन इतना पानी अभी भी पर्याप्त नहीं है। अभी कम से कम 10 दिनों की अच्छी बारिश की और दरकार है। धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने गंगरेल के गेट खोले जाने के बाद ये स्पष्ट तौर पर बताया कि अभी भी जलसंकट खत्म नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि अगले साल जून 2025 तक के पानी की खपत का आकलन करने के बाद पता चलता है कि बांध में मौजूद पानी काफी नहीं है। जब तक बांध 100 फीसदी भर नहीं जाता तब तक पर्याप्त पानी नहीं माना जा सकता। कलेक्टर ने कहा कि कम से कम 10 दिनों तक अच्छी बारिश जरूरी है।
बांध में 87 प्रतिशत यानी 28 टीएमसी पानी भरा
दरसअल, गंगरेल बांध में लगभग 87 प्रतिशत यानी 28 टीएमसी पानी भर चुका है,लेकिन इसमे से 13 टीएमसी उपयोगी पानी है। जिससे आस-पास के गांव सहित शहरों को पानी दिया जाता है। वहीं जुलाई महीने के अंतिम सप्ताह में मानसून के आने के बाद गंगरेल बांध में पानी अच्छी खासी मात्रा में भर चुका है।
कलेक्टर भी मौके पर रही मौजूद
अंदाजा लगाया जा रहा है कि 10 दिन और अच्छी खासी बारिश हुई तो गंगरेल बांध के सभी खोले जा सकते हैं। फिलहाल, गंगरेल बांध में पानी की सामान्य आवक हो रही है। ऐसे में बांध की स्थिति भी जानना जरूरी है। जिसके जानने के लिए धमतरी कलेक्टर मौके पर पहुंची और डैम की स्थिति जानी।
शाम करीब 5:30 बजे 14 गेट खोले गए
2 अगस्त को अचानक गंगरेल बांध के सभी 14 गेट खोल दिए गए। शाम करीब 5:30 बजे यह 14 गेट खोले गए। इस बेहद खूबसूरत नजारे को देखने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के लोग भी पहुंचे। जिला प्रशासन के कई अधिकारी भी यहां पर आए। खुद धमतरी कलेक्टर भी इस दौरान मौके पर मौजूद रही।
45 मिनट पानी छोड़ने के बाद गेट बंद कर दिए गए
कलेक्टर ने बताया कि अधिक मात्रा में बांध में पानी की आवक होने लगे और ज्यादा पानी छोड़ना पड़े, उस समय मशीन सही तरह से काम कर रही है या नहीं, इसे ही जांचने के लिए बांध के गेट खोले गए थे। महत्वपूर्ण जानकारी यह भी है कि छोड़ा गया पानी महानदी में नहीं जा रहा है, बल्कि से रुद्री बैराज में ही रोक लिया जा रहा है। गंगरेल बांध करीब 45 मिनट पानी छोड़ने के बाद सभी गेट वापस बंद कर दिए गए।