देशभर में ट्रेन हादसों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बावजूद इसके रायपुर रेल मंडल लापरवाही बरत रहा है। रायपुर से दुर्ग के बीच रेलवे ट्रैक से बड़ी संख्या में ई-क्लिप निकली हुई हैं। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। रेलवे के सीनियर DCM अवधेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि, जांच के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। सुपेला के रेलवे ट्रैक पर दर्जनों ई-क्लिप निकलकर पटरी के पास पड़ी मिलीं। कई जगहों पर पटरी के बीच लगने वाली सपोर्ट पट्टी और हुक टाइट करने वाली पट्टियां तक गायब हैं। कुछ इतने ढीले हैं कि, उन्हें निकाला जाए तो आसानी से निकल आएंगे। यह स्थिति महज 500 से 700 मीटर लंबे ट्रैक की है।
स्टाफ की होती है मेंटेनेंस की जिम्मेदारी
रेलवे ट्रैक के मेंटेनेंस और निरीक्षण का काम काम रेलवे के परमानेंट स्टाफ देखते हैं। उनके पास ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (टीआरसी) वाहन होते हैं। जिनसे वो रेलवे ट्रैक की जांच करते हैं। मैनुअल के हिसाब से जिन रूटों पर ज्यादा स्पीड वाली ट्रेनें गुजरती हैं, वहां हर दो महीने में ट्रैक की जांच करनी होती है।
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के सभी रेलवे जोन में कुल 350 निरीक्षण किए जाने थे। इनमें इस साल अभी तक सिर्फ 169 निरीक्षण हुए हैं। इसी तरह फुट इंस्पेक्शन यानी पैदल ट्रैक की जांच भी नहीं हो रही है।
जांच के बाद करेंगे कार्रवाई- सीनियर DCM
सीनियर DCM अवधेश कुमार त्रिपाठी का कहना है कि, आपके माध्यम से यह जानकारी मिली है। इसके लिए हम आभारी हैं। संबंधित अधिकारी और उनकी टीम को मौके पर भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी। यदि ऐसा है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
7 महीने में 7 बड़े ट्रेन हादसे
बता दें कि, 2024 के शुरुआती 7 महीनों में 7 बड़े ट्रेन हादसे हो चुके हैं। इनमें से 4 बार ट्रेन पटरी से उतरी है। इन सभी हादसों में 16 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पिछले 30 जुलाई को मुंबई-हावड़ा मेल ट्रेन हादसा हुई थी।
यह ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जो पहले से डिरेल हुई थी। आशंका है कि मालगाड़ी के डिरेल होने का कारण भी ई-क्लिप निकलना हो सकता है। पूरी ट्रेन को पटरी पर टिकाए रखने के लिए सबसे अहम पार्ट्स होने के बाद भी रेलवे इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा है।