विश्व हाथी दिवस:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बोले- छत्तीसगढ़ का हाथियों से पुराना नाता, हाथी-मानव द्वंद्व रोकना सर्वोच्च प्राथमिकता…!!

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का हाथियों से बहुत पुराना नाता है। हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता हाथी-मानव द्वंद को रोकना है। इसके लिए राज्य सरकार लगातार जागरूकता कार्यक्रम संचालित कर रही है। विश्व हाथी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम साय ने यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि हाथियों के विचरण की जानकारी ग्रामीणों को देने के लिए सरगुजा से हमर हाथी हमर गोठ रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण किया जाता है, ग्रामीणों को अपनी ओर हाथियों की सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए राज्य सरकार गज यात्रा अभियान चला रही है। ‘गज संकेत एवं सजग’ ऐप के माध्यम से हाथी के विचरण की जानकारी ग्रामीणों को मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथी-मानव द्वंद को रोकने के लिए पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का प्रबंधन किया जा रहा है। हाथियों द्वारा फसल क्षति के लिए किसानों को दिया जा रहा मुआवजें की राशि कम है, इसे बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। हाथी-मानव द्वंद को कम करने के लिए छत्तीसगढ़ को सफलता मिली है। लेमरू हाथी रिजर्व क्षेत्र के माध्यम से सरगुजा, कोरबा, रायगढ़ जिलों में हाथियों के संरक्षण पर काम हो रहा है। हमारी छत्तीसगढ़ की संस्कृति में जनजातीय समुदाय हाथियों को बहुत शुभ मानते हैं। इस दौरान हाथी संरक्षण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए विजेताओं को गज गौरव पुरस्कार से सम्मानित भी किया।

भारत में कुल 29 हजार से ज्यादा हाथी : यादव

केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि भारत में जंगली हाथियों की सबसे बड़ी और सुरक्षित संख्या है। अखिल भारतीय समन्वित हाथी गणना अनुमान 2017 के अनुसार, भारत में 29 हजार 964 हाथी हैं। भारत में हाथी गलियारों से संबंधित 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 14 राज्यों में 33 हाथी रिजर्व (ईआर) और 150 हाथी गलियारे हैं। हाथी-ट्रेन टकराव की आशंका वाले एवं हाथी बहुल क्षेत्र वाले 12 राज्यों में लगभग 2455 किलोमीटर के कुल 110 रेलवे खंडों की सूची तैयार की गई है, जिनमें तात्कालिक उपशमन उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।

ई-ऑक्शन सिस्टम शुरू : लकड़ी की नीलामी में आएगी प्रतिस्पर्धा एवं पारदर्शिता : सीएम साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सोमवार को नवा रायपुर में अरण्य भवन में छत्तीसगढ़ में इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन प्रणाली प्रांरभ की। दावा किया जा रहा है कि ई-ऑक्शन प्रणाली से वन विभाग के विभिन्न डिपो में काष्ठ की नीलामी में प्रतिस्पर्धा एवं पारदर्शिता आएगी। ई-ऑक्शन की प्रक्रिया में ईओआई से एमएसटीसी के द्वारा ई-ऑक्शन किया जा सकेगा।

डिपो की काष्ठ नीलामी ई-ऑक्शन से होने से शासन एवं बोलीदाता के लिए भुगतान की प्रक्रिया त्वरित एवं पारदर्शी होगी। इससे राज्य शासन के राजस्व की वृद्धि होगी। इस मौके पर वन विभाग द्वारा दो करोड़ रूपए से बनाए अत्याधुनिक ऑडिटोरियम ‘दण्डकारण्य‘ की शुरूआत भी की गई। कार्यक्रम में वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायक गुरु खुशवंत साहेब, विधायक गजेन्द्र यादव और केन्द्रीय वन महानिदेशक एवं भारत सरकार के विशेष सचिव जितेन्द्र कुमार भी शामिल है। कार्यक्रम में व्ही. श्रीनिवास राव, सुधीर कुमार अग्रवाल और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इसलिए ई-नीलामी की जरूरत

राज्य में वन विभाग के विभिन्न काष्ठागारों में इमारती काष्ठ, बल्ली, व्यापारिक बांस, जलाऊ लकड़ी की नीलामी की जाती है। राज्य में 27 विक्रय डिपो संचालित किए जा रहे हैं। अभी अतिरिक्त भुगतान की प्रक्रिया में कागजी कार्यवाही तथा बहुत सारे रिकार्ड रखने पड़ते थे। अब ई-ऑक्शन प्रणाली होने से कागजी कार्रवाई से निजात मिलेगी।

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