पीडब्ल्यूडी और उद्यानिकी विभाग के अफसर आमने-सामने : नए मंत्री खाली करेंगे पुराना बंगला, इसके बाद ही माली संभालेंगे नवा रायपुर के बंगले का जिम्मा…!!

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नवा रायपुर में माननीयों के बंगले बनकर तैयार हैं। माननीयों के स्वागत के लिए बंगलों में सीजन के हिसाब से फुलवारी तैयार की गई है। पीडब्ल्यूडी के लिए अब इन फुलवारियों की देखरेख सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। इसके लिए पीडब्ल्यूडी के अफसर ने उद्यानिकी विभाग को पत्र लिखा था। उद्यानिकी विभाग ने नए और पुराने बंगलों की एक साथ देखरेख के लिए संचालनालय से 3 करोड़ और 200 माली की मांग की थी। लेकिन संचालनालय ने इस मांग को खारिज कर दिया। संचनालय के अफसरों ने स्पष्ट कहा है कि माननीय पुराने बंगले खाली करते हैं तो वहीं के माली को नवा रायपुर में शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान नहीं है। इसके बाद पीडब्ल्यूडी की चिंता बढ़ गई है क्योंकि वर्तमान में नवा रायपुर में माननीयों के बंगले में बागवानी की देखरेख पीडब्ल्यूडी ही कर रहा है।

पीडब्ल्यूडी के अफसरों के मुताबिक फुलवारी की देखरेख की जिम्मेदारी उद्यानिकी विभाग की है। उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वहीं उद्यानिकी विभाग के अफसरों के मुताबिक विभाग के पास जितने माली हैं, वे सभी पुराने बंगले में तैनात हैं। विभाग के पास अतिरिक्त माली नहीं है। एसी स्थिति में हैंडओवर लेना संभव नहीं है।

नवा रायपुर के सेक्टर-24 में मंत्रियों और नेता प्रतिपक्ष के बंगले बने हैं। मुख्यमंत्री निवास अलग से 8 एकड़ में बनकर तैयार है। मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बंगले 2 एकड़ में हैं। वहीं, सेक्टर 24 में मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के अलावा अधिकारियों के लिए 78 बंगले हैं।

वर्तमान में कृषि मंत्री राम विचार नेताम नवा रायपुर में शिफ्ट हो गए हैं। खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल और महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े भी नवा रायपुर के नए बंगले में जल्द शिफ्ट होंगी। इसके लिए शासन से पीडब्ल्यूडी के पास आदेश आ गया है। अफसरों की माने तो यदि मंत्री अपने पुराने बंगले खाली कर देते हैं तो वहां के माली को नवा रायपुर में शिफ्ट में कर दिया जाएगा। लेकिन राने बंगले को खाली नहीं करने पर काफी दिक्कत होगी।

नर्सरी में हर सीजन के पौधे हो रहे तैयार

राजधानी के छोकरा नाला के पास 3.341 हेक्टेयर में उद्यानिकी विभाग की शासकीय नर्सरी है। मंत्रियों के बंगले में हर सीजन में अलग-अलग प्रकार के फूल लगाए जाते हैं। गर्मी के सीजन में अलग, बारिश और ठंड के दिनों में अलग-अलग फूल लगते हैं। इसमें भी मंत्री की ओर से अगर कुछ खास फूलों की फरमाइश की जाती है तो उसकी भी सप्लाई करनी पड़ती है। पूरी प्लानिंग एडवांस में की जाती है, ताकि किसी प्रक्रियागत कारणों से इसमें देरी न हो।

नवा रायपुर में माननीयों के बंगलों में फुलवारी की देखरेख के लिए मुख्यालय से 3 करोड़ और 200 कर्मचारी मांगे गए थे। मुख्यालय ने बजट की मंजूरी नहीं दी है। पुराने बंगलों के माली को ही नए में शिफ्ट किया जाएगा।
बीएस परिहार, उप संचालक उद्यानिकी रायपुर

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