छत्तीसगढ़ में 25 अधिकारियों को मिलेगा मेडल:15 जवानों को वीरता और एक को राष्ट्रपति पदक; CM के सचिव और IG को विशिष्ट सेवा पदक…!!

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26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ पुलिस के 25 अधिकारियों को पदक से सम्मानित किया जाएगा। 15 अधिकारियों को वीरता पदक, 1 अधिकारी को सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक और 9 अधिकारियों को विशिष्ट सेवाओं के लिए मेडल मिलेंगे। CM विष्णुदेव साय के सचिव IPS राहुल भगत और IG सुशील चंद्र द्विवेदी को भी विशिष्ट सेवा पदक मिलेगा।

थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा को वीरता पुरस्कार

बालोद जिले के पुरुर थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा का नाम 26 जनवरी गणतंत्र दिवस 2025 को वीरता पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। शिशुपाल सिन्हा 2021 में दरगाह घाटी में अपने 8 साथियों के साथ नक्सलियों से भिड़े थे। बैकअप फोर्स आने में समय था, लेकिन वह नक्सलियों का डटकर सामना करते रहे।

इसके अलावा शिशुपाल सिन्हा ने कहा कि 30 जून 2021 को हमें सूचना मिली थी कि झीरम घाटी के पास नक्सलियों की टोली आई हुई है। इसके एक सप्ताह पहले ही वहां वारदात हुई थी। 3 नक्सली मारे गए थे। ऐसे में इस बार हमारी छोटी टीम नक्सलियों से भिड़ी थी। नक्सलियों को खदेड़ दिया था।

इन अफसरों को विशिष्ट सेवा पदक

IPS राहुल भगत : 2005 बैच के IPS राहुल भगत झारखंड के रहने वाले हैं। राहुल भगत का जन्म 15 अक्टूबर 1974 को हुआ है। उन्होंने PGDM मार्केटिंग एंड टेलिकॉम की डिग्री ली है। राहुल भगत ने 2004 यूपीएससी निकालकर 22 अगस्त 2005 को IPS की सर्विस ज्वाइन की।

राहुल भगत छत्तीसगढ़ में सबसे पहले नारायणपुर जिले के एसपी बने, जिसके बाद कांकेर, रायगढ़ और कवर्धा के एसपी रह चुके हैं। स्पेशल टास्क फोर्स के एसपी भी रह चुके हैं। विष्णु देव साय जब 2014 में रायगढ़ के सांसद बने उस दौरान राहुल भगत रायगढ़ के एसपी थे।

ASP मिंज : ASP राजकुमार मिंज को सराहनीय सेवाओं के लिए पदक देकर सम्मानित किया जायेगा। मिंज की पहली पोस्टिंग जबलपुर में हुई थी। इस दौरान सांप्रदायिक दंगे हुए। दंगाइयों को रोकने के लिए फायर भी करना पड़ा था। दंगे इस कदर था कि जबलपुर में 3 महीने तक कर्फ्यू लगा रहा।

छत्तीसगढ़ ने मिंज ने 62 दिन के बालको हड़ताल में दिन रात ड्यूटी की। निजीकरण के खिलाफ इस हड़ताल में उत्पात को रोकने के लिए कई बार लाठी चार्ज भी किया गया था। इसी तरह 2012 में गरियाबंद में पोस्टिंग के दौरान नक्सलियों ने एक ब्लास्ट किया। जिसमें ASP मिंज गंभीर रूप से घायल हो गए और रायपुर के अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया।

इसी तरह सुकमा में पोस्टिंग के दौरान देर रात नक्सलियों की गोली से घायल हुए एक व्यक्ति को इन्होंने ड्राइवर की मदद खुद के गाड़ी में अस्पताल पहुंचाया। घायल व्यक्ति तत्कालीन कलेक्टर का ड्राइवर था जिसे नक्सलियों ने टारगेट किया था।

DSP गुरजीत सिंह ठाकुर : रायपुर में ट्रैफिक DSP की जिम्मेदारी संभाल रहे गुरजीत सिंह ठाकुर 2000 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसर है। गुरजीत की पहली पोस्टिंग दंतेवाड़ा में थी। दंतेवाड़ा के बाद दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव जिलों में पोस्टिंग रही। जिसमें 6 साल दंतेवाड़ा के नक्सल इलाकों में रहे।

राजनांदगांव के मोहला मानपुर क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान नक्सलियों ने पुलिस कैम्प बना रही टीम पर हमला किया था। इस दौरान पुलिस और नक्सलियों के बीच जमकर मुठभेड़ हुई थी। तब गुरजीत वहीं पदस्थ थे। उन्होंने नक्सलियों का डटकर सामना किया और पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। इसके लिए उन्हें वीरता पदक दिया गया था।

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