प्रदेश में विधानसभा चुनाव निपट गया। इसके नतीजे जो भी आएं, लेकिन यह चुनाव संकेत दे गया कि छत्तीसगढ़ के लोग भी अब हाईटेक हो रहे हैं। उन्होंने चुनाव में ऑनलाइन सेवाओं का भरपूर उपयोग किया। इस चुनाव में 90 फीसदी काम ऑनलाइन ही हुआ। इसकी शुरूआत 2 अगस्त से ही हो गई थी जब मतदाता सूची का दूसरा पुनरीक्षण कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
4 अक्टूबर तक वोटरलिस्ट जारी होने तक प्रदेश में 13 लाख 46 हजार 385 लोगों ने नाम जोड़ने, काटने व संशोधित करने का काम ऑनलाइन ही किया। 68,517 लोगों ने ही ऑफ लाइन काम किया। यह लगभग 5 फीसदी है। ऑनलाइन होने से इस बार करीब 15 लाख फार्म की प्रोसेसिंग की गई। इनमें 10 लाख नए नाम जोड़े गए। 2.75 लाख नाम काटे गए। 3 लाख लोगों के नाम सुधारे गए। बूथ लेवल अफसर ने भी डोर – टू- डोर वेरिफिकेशन में बीएलओ एप का इस्तेमाल किया।
70 फीसदी ने ली पोर्टल की सुविधा
उम्मीदवारों ने भी नामांकन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को अपनाया। सुविधा एप पर उन्होंने, नुक्कड़ नाटक, सभा, रैली, वाहन, हेलिकाप्टर तथा अन्य अनुमतियां प्राप्त करने के लिए इसका उपयोग किया। मैनुअली वैरिफिकेशन के लिए आरओ से अपाइंटमेंट भी लिया। करीब 70 फीसदी प्रत्याशियों ने डिजिटलाइज और 30 प्रतिशत ने ऑफलाइन प्रक्रिया की।
वोटर हेल्प लाइन एप ने की मदद
वोटरों ने उम्मीदवारों के बारे में जानकारी लेने के लिए किया गया। ये एप मतगणना के दिन नतीजे जानने के लिए भी काम आएगा। मतदाता पंजीयन, ई-एपिक पाने, शिकायत करने इसका इस्तेमाल किया। इसी तरह नेशनल ग्रीवेंस सर्विस पोर्टल भी शिकायतों के लिए था। इस पर सैकड़ों की संख्या में शिकायतें मिलीं।
सी-विजिल पर 5666 शिकायतें
संहिता के उल्लंघन की शिकायतें करने में सी-विजिल एप का उपयोग किया। इस पर 5,666 शिकायतें मिलीं। इनमें से 3,569 सही पाई गईं। 2,079 शिकायतें निरस्त कर दी गईं। 131 शिकायतें खारिज कर दी गईं। इसकी वजह थी कि एप पर एक जैसी शिकायत की गईं या जैसा शिकायतकर्ता ने वीडियो या फोटो भेजा था वैसा स्पाट पर नहीं पाया गया।
एफिडेविट पोर्टल पर उम्मीदवारों की कुंडली : फिडेविट पोर्टल पर उम्मीदवारों की कुंडली अपलोड की गई। उनके द्वारा दी गई जानकारी कि वे कितने अमीर या गरीब हैं। कितने शिक्षित हैं, अपराधी हैं या नहीं तथा पारिवारिक ब्योरा जैसी जानकारी उपलब्ध थी। लाखों लोगों ने इस एप पर अपने उम्मीदवारों के बारे में जाना।
ई-पीबी से बाहर रहकर भी डाला वोट: ऑनलाइन प्रोसेस की वजह से हजारों लोगों ने छत्तीसगढ़ से बाहर रहकर भी वोट डाला। रजिस्टर्ड 19,960 वोटरों ने ई-बैलेट पेपर के लिए आवेदन किया। इनमें से करीब 3 हजार के ई-पीबी मिल गए हैं। काउंटिंग तक सभी वोट मिल जाने की संभावना है।
ये वो सेवा मतदाता हैं जो छत्तीसगढ़ के हैं, लेकिन देश – विदेश में सेवा कर रहे हैं। इनमें छत्तीसगढ़ का सशस्त्र पुलिस बल, सीआरपीएफ, संघ की सशस्त्र फोर्स व भारतीय विदेश सेवा वाले शामिल हैं। ये 2.3 करोड़ वोटरों से अलग हैं। यह सिस्टम फिलहाल एक तरफ ही ऑनलाइन हुआ है। वोट डाक से मंगाने पड़ रहे हैं। जल्द ही ऑनलाइन वोट मंगाने की सुविधा भी मिलने की संभावना है।
आवेदन मिले..!
- वोटर सर्विस पोर्टल – 51,468
- वोटर हेल्पलाइन एप – 1,54,845 बीएलओ एप – 11,40,054
- फार्म 6 – 8,24,030 (नाम जोड़ने)
- फार्म 6 ए – 05 (प्रवासी भारतीय)
- फार्म 7 – 3,20898 (नाम विलोपन)
- फार्म 8 – 2,69,969 (संशोधन, स्थानांतरण, नया एपिक व दिव्यांग चिन्हांकन)