आवारा कुत्तों का नहीं थम रहा आतंक; शहर में हजारों आवारा कुत्ते पर निगम 500 के लिए ही बना रहा शेल्टर होम…!

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राजधानी में 10 हजार से ज्यादा आवारा कुत्तों ने लोगों को परेशान कर रखा है। शहर की ऐसी कोई गली, सड़क या चौराहा नहीं जहां कुत्तों का झुंड नजर न आए। यही कुत्ते रोज किसी न किसी को काट कर जख्मी की कर रहे हैं। शनिवार की रात आवारा कुत्तों की झुंड ने कवर्ड कालोनी में घुसकर ढाई साल की नन्हीं बच्ची को बुरी तरह से नोंच डाला। ऐसी घटनाएं अक्सर हो रही हैं लेकिन हजारों कुत्तों को कंट्रोल करने निगम के पास कोई प्लान नहीं है। फिलहाल निगम सोनडोंगरी में केवल 500 आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम बना रहा है। यानी साढ़े 9 हजार से ज्यादा कुत्ते सड़क पर ऐसे ही आतंक मचाते रहेंगे। शेल्टर होम का काम भी बेहद धीमा चल रहा है।

पिछले साल इसका प्लान बनाया गया और उसी समय से इसे आकार देने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बावजूद फरवरी में इसका ड्राइंग डिजाइन तैयार हो सका। ड्राइंग डिजाइन भी 9 माह पहले बनकर तैयार हो गया, लेकिन अभी तक नींव का काम भी पूरा नहीं हुआ है, जबकि इसे पिछले साल ही पूरा हो जाना था। अब अफसर कह रहे हैं कि चुनावी प्रक्रिया के कारण काम कुछ लेट हो गया, लेकिन अब इसमें देरी नहीं होगी। शेल्टर होम के लिए प्रथम चरण के निर्माण के लिए 48 लाख का टेंडर जारी किया गया है। यहां आवारा कुत्तों के लिए वेटनरी अस्पताल और अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। निगम अफसरों के मुताबिक जरूरी संसाधन विकसित होने के बाद यहां कुत्तों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

नसबंदी का असर नहीं दिख रहा

नगर निगम ने अब तक कुत्तों की आबादी कंट्रोल करने के नाम पर नसबंदी के अलावा उन्हें पकड़कर शहर से बाहर भेजने का प्रयास किया। ये सभी प्रयोग अब तक फेल रहे हैं। फिलहाल निगम अभी बधियाकरण यानी कुत्तों की नसबंदी करने पर ही फोकस कर रहा है। अफसरों का दावा है कि हर साल 3 हजार से ज्यादा कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। इसी प्रयास के माध्यम से उनकी संख्या को बढ़ने से रोका जा सकेगा।

रोज 20 से ज्यादा लोग हो रहे शिकार

शहर में औसतन रोज 20 से अधिक लोग आवारा कुत्तों के काटने के शिकार हो रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल में रोज औसतन 40 लोग कुत्ते काटने का इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं। इनमें कुछ पुराने होते हैं और कुछ शहर के बाहर के पीड़ित होते हैं। प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिक में इंजेक्शन लगवाने वालों की संख्या अलग है। विशेषज्ञों के अनुसार अब चूंकि कुत्ते काटने के इंजेक्शन की डोज कम होने के साथ कीमत भी कम हो गई है, इसलिए औसतन 10-12 लोग तो निजी अस्पतालों में इंजेक्शन लगवा रहे हैं।

पागल कुत्तों को रखकर करेंगे इलाज

शेल्टर होम में आक्रामक,पागल और बीमार कुत्तों को अलग-अलग रखकर उनका इलाज करने की योजना है। यहां अस्पताल में डाक्टर इसमें आवारा कुत्तों की देखभाल, उनके लिए भोजन आदि की व्यवस्था के साथ-साथ वेटनरी अस्पताल भी बनाया जाएगा। यहां पर बीमार, घायल, आक्रामक कुत्तों को अलग-अलग रखा जाएगा। निगम के वेटनरी डाक्टर्स भी यहीं रहेंगे। बीमार और आक्रामक कुत्तों को पड़कर शेल्टर में लाया जाएगा। यहां उनका इलाज किया जाएगा। नियमित रूप से नसबंदी भी होगी।

सोनडोंगरी में निगम दो एकड़ में 500 आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर हाउस बना रहा है। शेल्टर हाउस के बनने से और बधियाकरण से आवारा कुत्तों पर अंकुश लगेगा। -विनोद पाण्डेय, प्रभारी अपर आयुक्त रायपुर नगर निगम

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