गाजियाबाद। डेटिंग एप पर परिचय के बाद युवती से एक युवक ने खुद को एनएसए में मुख्य डेटा एनालिस्ट बताकर दोस्ती बढ़ाई। युवती से फोन पर बातचीत के दौरान आरोपित ने एक दिन सैक्स चैट शुरू कर दी। पीड़िता ने विरोध करते हुए चार-पांच दिन तक बात नहीं की। उसके बाद खुद पीड़िता ने ही बातचीत शुरू कर दी।
आरोपित ने युवती को शादी का झांसा देकर और खुद एवं अपने स्वजन की बीमारी का बहाना बनाकर युवती से 22 लाख रुपये ठग लिए। पीड़िता की शिकायत पर साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया है।
NSA में काम करता हूं…
सिहानी गेट थानाक्षेत्र निवासी युवती की बातचीत डेटिंग एप के जरिए पांच जुलाई को आकाश अग्रवाल नामक युवक के संपर्क में आई। युवती को आरोपित ने बताया कि वह सरकारी कर्मचारी है और एनएसए में काम करता है। मूल रूप से खुद को राजस्थान के कोटा का बताया और मौजूदा समय में दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव में रहना बताया।
कहा था सेना में हैं माता-पिता सेना
युवक ने बताया कि उसके माता-पिता सेना में हैं और लद्दाख के गलवान घाटी में तैनात हैं। युवक ने बताया कि उसकी पदोन्नति होने वाली है और इस प्रक्रिया के पूर्ण होने तक 10 जुलाई से तीन अगस्त तक बैंक खाता फ्रिज रहेगा। युवक ने इसके बाद युवती से बीमारी, एक्सीडेंट समेत अन्य बहाने बनाकर मदद के नाम पर रुपये मांगने शुरू कर दिए।
युवती को भेजे अश्लील वीडियो
बातचीत के दौरान ही एक दिन युवक ने सैक्स चैट शुरू कर दी और युवती को अश्लील वीडियो भेज दिया। गुस्से में युवती ने उससे बात करना बंद कर दिया। चार-पांच दिन बाद युवती ने खुद उससे बात करना शुरू कर दिया क्योंकि युवती को लगा कि वह पहले ही आरोपित को रुपये मदद के नाम पर दे चुकी है। बातचीत बंद करने से रुपये फंस सकते हैं।
मां के अंतिम संस्कार के लिए 11 हजार
युवती ने जब आरोपित से बात शुरू की तो आरोपित ने बताया कि उसकी मां का देहांत हो गया है। अंतिम संस्कार के लिए युवती से करीब 11 हजार रुपये ट्रांसफर कराए गए। इसके बाद खुद की बीमारी, पिता को हार्ट अटैक आने, पिता को एयर एंबुलेंस से पहुंचाने के नाम पर कई बार में 22 लाख 33 हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। पीड़िता ने जब भी आरोपित से मिलने का प्रयास किया उसने बहाना बनाकर टाल दिया।
पीड़िता ने शक होने पर पता तलाशा, फर्जी मिला
युवती ने लगातार रुपये मांगने और मुलाकात नहीं करने पर युवक पर शक किया। इसके बाद दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव वाले पते पर अपने मित्रों के साथ जाकर देखा लेकिन वह पता फर्जी निकला। आरोपित ने खुद बेंगलुरु के जिस अस्पताल में भर्ती होना बताया था वह भी सोशल पर देखने पर युवती को नहीं मिला।
शक बढ़ने पर आरोपित से उसका पहचान पत्र मांगा। आरोपित ने युवती को इंटेलीजेंस टीम का पहचान पत्र दिया। उसे पीड़िता ने सोशल मीडिया पर चेक किया तो वैसा ही एक फर्जी पहचान पत्र मिला। परेशान होकर पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में आरोपित पर केस दर्ज कराया है।