मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में संगीत महाविद्यालय खोलने की घोषणा की है। शनिवार को चक्रधर समारोह का शुभारंभ करने पहुंचे CM साय ने कहा कि, ये पिछले 5 साल में फीका हो गया था, अब भव्य आयोजन होगा। स्थानीय कला-संस्कृति के साथ-साथ पारंपरिक विरासत को सहेजेंगे।
CM साय ने कहा कि, राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गारंटी को सायं-सायं पूरा कर रही है। सरकार राज्य की प्रगति के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि, धान खरीदी, तेंदू पत्ता खरीदी, महतारी वंदन जैसी योजनाओं पर काम शुरू हुआ।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर रायगढ़ के शैल चित्रों पर आधारित अभिलेखीकरण पुस्तिका और चक्रधर समारोह की परिचय पुस्तिका का विमोचन किया। साथ ही विनय पांडेय द्वारा ब्राम्हीलिपि और खरोष्ठी लिपि में अनुसंधान पर आधारित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया।
वित्तमंत्री ने रखी थी महाविद्यालय की मांग
वित्तमंत्री और रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने कहा कि, चक्रधर समारोह ऐसा मंच बन गया है कि दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े बड़े महानगरों से कलाकार यहां परफॉर्मेंस करना चाहते हैं। इसके लिए सिफारिश आती है। एक ऐसा समय आएगा जब विदेशों से भी कलाकार यहां आने के लिए सिफारिश करेंगे।
उन्होंने मंच से संगीत महाविद्यालय की मांग भी की थी, जिसके बाद CM ने इस पर अपनी सहमति दी। वित्त मंत्री ने राजा चक्रधर सिंह द्वारा कत्थक पर लिखी हुई पुस्तक ताल तोए निधि का भी जिक्र किया। उन्होंने प्रशासन, संस्कृति विभाग और पर्यटन विभाग के सहयोग से इसे और भव्य बनाने की बात कही।
रायगढ़ जिला प्रभारी राम विचार नेताम ने कहा कि आज ऐतिहासिक क्षण है। रायगढ़ की धरती पर चक्रधर समारोह का शुभारंभ हुआ है। कला और सांस्कृति को राजा चक्रधर सिंह ने देश भर में पहुंचाए हैं। यह रायगढ़ का घराना है, जिसमें देश की सभी कला का संगम होता है। जिस तरह छोटी छोटी नदियों से सागर बनता है। उसी तरह यहां भी कला का सागर है।
आज लोक गायन से होगी शुरुआत
रविवार को विजय शर्मा रायगढ़ द्वारा लोक गायन, वाणी राव द्वारा शास्त्रीय गायन, पूर्णाश्री राउत द्वारा ओडिशी, दीपान्निता सरकार द्वारा कथक, पद्मश्री रंजना गौहर द्वारा ओडिशी नृत्य, सुश्री मंदाकिनी स्वैन दिल्ली द्वारा शास्त्रीय गायन और सौगत गांगुली कोलकाता सरोद वादन की प्रस्तुति देंगे।