एम्स की रिपोर्ट में खुलासा:जिला अस्पताल की ओटी में थे बैक्टीरिया, इसी के चलते मरीजों की आंखों की रोशनी गई…!!

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जिला हॉस्पिटल की आई ओटी बैक्टिरिया से भरी पड़ी थी। यही नहीं जगह-जगह फंगस भी लगी हुई थी। यह खुलासा एम्स से आई रिपोर्ट में हुआ है। ओटी में आंखों के ऑपरेशन के बाद संक्रमण फैल गया था। दो लोगों को पूरी तरह से दिखना बंद हो गया है। शासन स्तर पर ओटी की जांच के लिए एम्स और मेकाहारा को एक्सपर्ट जांच के लिए कहा गया।

एम्स हॉस्पिटल की रिपोर्ट आ गई है। पांच बिंदु में हुई जांच में पाया है कि ओटी में बैक्टीरिया भरे पड़े थे। कई स्थानों पर फंगस भी लगी थी। विस्तृत रिपोर्ट तो अफसरों ने साझा नहीं की है, लेकिन बताया जा रहा है कि बैक्टीरिया और फंगस से ही संक्रमण फैला था। मेकाहारा की रिपोर्ट आनी बाकी है। इधर ओटी में फंगस की पुष्टि के बाद अब इसकी जांच की जा रही है कि फंगस कैसे लगी और किसी का ध्यान क्यों नहीं गया। यदि ध्यान गया था तो ऑपरेशन कैसे हो गए।

सिविल सर्जन पर कोई कार्रवाई नहीं

रिपोर्ट से स्पष्ट हो गया है कि ओटी की सफाई में लापरवाही बरती गई थी। अब तक पांच लोगों पर कार्रवाई हुई है, लेकिन हॉस्पिटल के सिविल सर्जन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि हॉस्पिटल में होने वाले घटनाक्रम की पहली जिम्मेदारी उनकी है। बताया जा रहा है कि हाई लेवल पर बड़ी सेटिंग की गई है।

इस सेटिंग में रायपुर के एक सत्ताधारी दल से जुड़े नेता का भी साथ है। यही कारण है कि सिविल सर्जन को बचाया जा रहा है। हालांकि शासन ने सिविल सर्जन से तीन दिनो के अंदर जवाब मांगा था। तीन दिन बीत गए और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

पांच साल से एचआईवी पीड़ित को बताया स्वस्थ्य

इधर जिला हॉस्पिटल में एक और लापरवाही सामने आई है। अब एचआईवी पीड़ित मरीज को स्वस्थ्य बता दिया है। हॉस्पिटल की हमर लैब से एक मरीज ने एचआईवी की जांच करवाई थी, जिसे निगेटिव की रिपोर्ट दी गई या​िन मरीज को स्वस्थ्य बताया है जबकि वह पांच साल से एचआईवी पीड़ित है और हॉस्पिटल से ही उसे दवाए दी जा रही हैं। मरीज ने दंतेवाड़ा कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी से लिखित में शिकायत की है। कलेक्टर ने जांच के आदेश जारी किए हैं।

रिपेार्ट में बैक्टीरिया होने की बात आई है: सीएचएमओ सीएचएमओ अजय रामटेके ने कहा कि एम्स हॉस्पिटल से रिपोर्ट मिली है। इसमें बैक्टीरिया होने की बात सामने आई है। वहीं एचआईवी मरीज को गलत रिपोर्ट देने वाले कर्मचारियों को भी नोटिस जारी किया है। जिन मरीजों को रायपुर भेजा था उनकी आंखों में तेजी से सुधार हो रहा है और विशेषज्ञों की देखरेख में मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

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