रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आज से दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया है, जिसका शुभारंभ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हमेशा जनजातीय समाज की भलाई और विकास के लिए काम किया है। उनके अनुसार, वाजपेयी सरकार ने आदिवासी समाज के लिए भारत सरकार में पहली बार आदिम जाति कल्याण मंत्रालय का गठन किया था, और नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पद पर आदिवासी समाज की द्रौपदी मुर्मू को बैठाकर उन्हें सम्मानित किया।
इस आयोजन में 21 राज्यों के 28 दलों द्वारा आदिवासी लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी, जिसमें विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्य—मेघालय, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश, और सिक्किम—के कलाकार भी अपनी सांस्कृतिक धरोहर को साझा करने के लिए पहुंचे हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन पर इन कलाकारों का तिलक और माला पहनाकर स्वागत किया गया।
मेघालय के गारो जनजाति के कलाकार वांगला-रुंगला लोक नृत्य प्रस्तुत करेंगे, जो फसल कटाई के बाद उर्वरता देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने के लिए किया जाता है। वहीं, मिजोरम से आए कलाकार सोलकिया नृत्य की प्रस्तुति देंगे, जो एक समय दुश्मन पर विजय के जश्न के रूप में होता था, लेकिन अब इसे सभी प्रमुख अवसरों पर किया जाता है।
मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन को जनजातीय समाज की संस्कृति और उनके योगदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया।