छत्तीसगढ़ सरकार ने मंगलवार को संविधान दिवस धूमधाम से मनाया। रायपुर में आयोजित इस अवसर पर पदयात्रा निकाली गई, जिसमें आदिवासी कलाकार नाचते-झूमते शामिल हुए। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में मंत्रिमंडल के सभी सदस्य और विधायक तिरंगे के साथ पदयात्रा में शामिल हुए। यह यात्रा मेडिकल कॉलेज हॉल से अंबेडकर चौक तक निकली, जहां मुख्यमंत्री ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि संविधान भारत की सदियों पुरानी संस्कृति, परंपराओं और संघर्षों का प्रतीक है। उन्होंने उल्लेख किया कि हमारे संविधान में भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की तस्वीर अंकित है, जो लंका विजय के बाद अयोध्या लौटने के दृश्य को दर्शाती है। यह तस्वीर संविधान निर्माताओं की उस सोच का प्रतीक है, जो भारतीय संस्कृति और लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ जीवन को आगे बढ़ाने का संदेश देती है।
कार्यक्रम से पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में एक सभा आयोजित की गई। इसमें उपमुख्यमंत्री अरुण साव, खेल मंत्री टंकराम वर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप समेत कई प्रमुख नेता उपस्थित रहे। वन मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की पहल की, जिससे लोकतंत्र और संविधान के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने इस अवसर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी नीतियों ने संविधान की नींव कमजोर की है। उन्होंने घोषणा की कि 26 नवंबर से 26 जनवरी तक 60 दिवसीय ‘संविधान रक्षक अभियान’ चलाया जाएगा, जिसमें संविधान और सामाजिक न्याय से जुड़े मुद्दों पर जनता को जागरूक किया जाएगा।