रायपुर के शहजाद आत्महत्या केस में आरोपी कॉन्स्टेबल महेश नेताम को रायपुर SSP ने पुलिस लाइन अटैच कर दिया है। सुसाइड नोट में महेश समेत करीब आधा दर्जन लोगों को शहजाद की मौत का जिम्मेदार ठहराया गया था। शहजाद ने नोट में झूठे केस में फंसाने और धमकियों का भी जिक्र किया था। मामले को लेकर टिकरापारा थाने में जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
घटना की शुरुआत 6 नवंबर को हुई, जब शहजाद के बेटे सैफ का निजाम, विक्की और लक्की के साथ विवाद हुआ। रात को तीनों ने सैफ को रोका और लात-घूंसे और रॉड से उसकी पिटाई की। इसके बाद सैफ और उसके पिता शहजाद ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
बाद में दोनों पक्षों में समझौता होने के बाद केस खारिज कर दिया गया। लेकिन 16 नवंबर को साजिद अली ने शहजाद, सैफ और हाशिम के खिलाफ टिकरापारा थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने इन पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर 17 नवंबर को हिरासत में लिया और 27 घंटे थाने में रखा। परिवार के दबाव के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ा, लेकिन बार-बार धमकियां दी गईं कि उनके खिलाफ ऐसे केस बनाए जाएंगे जिससे जमानत मुश्किल हो जाएगी।
इन धमकियों और तनाव के कारण शहजाद ने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में साजिद अली, निजाम, लक्की, विक्की और अन्य का नाम लिखा गया, साथ ही कांस्टेबल महेश नेताम का भी उल्लेख किया गया। हालांकि, FIR में महेश का नाम सीधे शामिल नहीं है।
महेश नेताम पर पहले भी विवादों और शिकायतों के आरोप लगे हैं। एक महीने पहले प्रदेश के एक यूट्यूबर ने महेश पर मारपीट, गाली-गलौज और झूठे आरोप लगाकर लॉकअप में बंद करने का आरोप लगाया था। अब इस नए मामले ने फिर से उनके आचरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।