सरगुजा संभाग में इस साल ठंड ने 37 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मैनपाट में न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री तक पहुंच गया, जबकि पाट क्षेत्रों में पारा 5 डिग्री तक गिरा। ठंड के चलते सुबह घने कोहरे की चादर बिछी रही, और दिनभर ठंडी हवाएं लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर रही हैं। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में मौसम लगातार बदल रहा है। 30 नवंबर से 2 दिसंबर तक राज्य में बारिश की संभावना जताई गई है, जिसमें बस्तर और सरगुजा संभाग के जिलों पर इसका ज्यादा असर दिख सकता है। बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के कारण प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
शनिवार को जशपुर, बलरामपुर, रायगढ़, सारंगढ़, महासमुंद, बस्तर समेत 13 जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। 1 और 2 दिसंबर को बस्तर और सरगुजा संभाग में व्यापक बारिश के आसार हैं।
प्रदेश में पिछले 18 दिनों से ठंड का प्रकोप बना हुआ है। 11 नवंबर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में तापमान सामान्य से नीचे आ गया, जिससे कड़ाके की ठंड पड़ने लगी। वहीं, माना एयरपोर्ट, अंबिकापुर, बिलासपुर, और दुर्ग जैसे मैदानी इलाकों में भी रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि, मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में तापमान बढ़ने की संभावना जताई है। बंगाल की खाड़ी में बनने वाले सिस्टम के कारण तापमान में 2-4 डिग्री का इजाफा हो सकता है। गुरुवार को अंबिकापुर सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में भी तापमान सामान्य से नीचे रहा।