मणिपुर पुलिस ने विधायकों के घर हमला करने वाले 8 उग्रवादियों को किया गिरफ्तार; मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की वकालत, मेघालय सीएम की टिप्पणी…!

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मणिपुर में पुलिस और विधायकों के घरों में तोड़फोड़ और आगजनी के आरोप में अब तक 8 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। पहले 16 नवंबर को इंफाल वेस्ट के पटसोई पुलिस स्टेशन ने एक आरोपी को पकड़ा था, जबकि बाकी को 27 नवंबर को गिरफ्तार किया गया।

हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं के बाद, मैतेई संगठन अरामबाई टेंगोल के प्रमुख कोरो नगनबा खुमान और कुकी संगठन के प्रमुख NIA के रडार पर हैं। NIA मणिपुर में सुरक्षा बलों पर हमलों और IED विस्फोट के चार मामलों की जांच कर रही है, जिनमें इंफाल में हथियारों और गोला-बारूद की लूट, मोरेह में चौकी पर हमला, और बिष्णुपुर में IED विस्फोट शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने इन मामलों की जांच के लिए NIA को आदेश दिया है, और सुप्रीम कोर्ट ने इन केसों को इंफाल की NIA कोर्ट से गुवाहाटी की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है।

मैतेई समुदाय की महिलाओं और बच्चों के शवों की नदियों में बरामदगी के बाद, गुस्साए लोगों ने इंफाल घाटी में कई विधायकों के घरों में तोड़फोड़ की थी। इस हिंसा में कुकी उग्रवादियों द्वारा सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ के बाद 6 लोगों का अपहरण किया गया था, और बाद में 10 कुकी विद्रोही मारे गए थे।

मणिपुर के मिजोरम मुख्यमंत्री लालदुहोमा के बयान पर मणिपुर सरकार ने प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाने की वकालत की थी। मणिपुर सरकार ने कहा कि उनके बयान से नफरत और विभाजन फैल रहा है, और उन्हें एक अच्छे पड़ोसी बनकर बेहतर राजनीति करनी चाहिए। मणिपुर सरकार ने यह भी चेतावनी दी कि मिजोरम को मणिपुर के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए और नशीली दवाओं की तस्करी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

मणिपुर में हिंसा का दौर पिछले एक साल से जारी है, जिसमें 250 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।

 

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