रायपुर AIIMS रैगिंग कांड में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। MBBS 2023 बैच के स्टूडेंट्स के कथित व्हाट्सएप चैट्स दैनिक भास्कर के हाथ लगे हैं, जिनमें रैगिंग से कुछ घंटे पहले सीनियर द्वारा इकट्ठा होने का आदेश दिया गया था। इन चैट्स से स्पष्ट हो रहा है कि जूनियर स्टूडेंट्स डर-डर कर आपस में बातचीत कर रहे थे और सीनियर द्वारा न मानने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जा रही थी। इन चैट्स और एक शिकायत को SAVE NGO को अज्ञात मेल के जरिए भेजा गया था।
इस पर NGO ने रायपुर पुलिस और AIIMS प्रबंधन से एक्शन लेने की अपील की, लेकिन अब तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। मामला अब राष्ट्रीय महिला आयोग तक पहुंच चुका है, जहां शिकायत के साथ व्हाट्सएप चैट्स भी भेजे गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की वकील मीरा कौर पटेल ने आरोप लगाया है कि रायपुर AIIMS प्रबंधन इस गंभीर मामले को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या AIIMS ने CCTV फुटेज की जांच की, क्या पुलिस ने घटना के समय मौजूद गार्ड्स से पूछताछ की, और क्या जिन स्टूडेंट्स के नाम घटना में शामिल होने के लिए बताए गए हैं, उनसे बयान लिए गए हैं? मीरा कौर पटेल ने यह भी कहा कि AIIMS प्रबंधन छत्तीसगढ़ पुलिस को गुमराह कर रहा है और इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
चैट्स में एक स्टूडेंट ने सभी को आधी रात 12 बजे एक रूम में इकट्ठा होने के लिए कहा था। इसके बाद अन्य स्टूडेंट्स ने लिखा कि सभी को डेलीगेट कार्ड लेकर आना होगा और 125 स्टूडेंट्स का उपस्थित होना अनिवार्य होगा। न आने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी गई। इन चैट्स में एक जूनियर स्टूडेंट ने डरते हुए कहा कि यह इकट्ठा होना किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं है। इसके बावजूद एक अन्य स्टूडेंट ने बताया कि सीनियर ने चेतावनी दी है कि न आने पर डेलीगेट कार्ड ले लिया जाएगा।
रैगिंग उस समय हुई जब रायपुर AIIMS में ओरियाना फेस्ट चल रहा था, जो 14 से 17 नवंबर तक आयोजित हुआ था। इस दौरान कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्टूडेंट्स को विशेष टी-शर्ट/जर्सी पहनने के लिए कहा गया था। एक स्टूडेंट ने चैट में लिखा कि सभी को जल्दी पहुंचना है, वरना उनका डेलीगेट कार्ड ले लिया जाएगा। इन चैट्स से यह साफ होता है कि स्टूडेंट्स पर भारी दबाव डाला गया था।
वकील मीरा कौर पटेल ने राष्ट्रीय महिला आयोग से शिकायत की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि AIIMS प्रबंधन को 24 घंटे के भीतर FIR दर्ज करनी चाहिए थी, जो कि नहीं की गई। इस मामले में पुलिस भी जांच कर रही है, लेकिन AIIMS प्रबंधन ने घटनाओं से इनकार किया है और स्टूडेंट्स से पूछताछ के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।