रायपुर में साइंस कॉलेज चौपाटी को लगभग पांच करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया था, लेकिन अब इसे आमानाका ओवरब्रिज के नीचे शिफ्ट किया जा रहा है। रायपुर स्मार्ट सिटी ने चौपाटी का ठेका लेने वाली एजेंसी को मंगलवार तक सभी दुकानदारों को शिफ्ट करने का आदेश दिया है। सोमवार को कुछ दुकानदारों को वहां शिफ्ट कर दिया गया, जबकि बाकी को एक दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि शिफ्टिंग के लिए कोई बहाना नहीं स्वीकार किया जाएगा, और सभी दुकानदारों को नए स्थान पर जाना ही होगा।
साइंस कॉलेज चौपाटी के शिफ्टिंग को लेकर भाजपा ने शुरू से ही विरोध जताया था और मामले को हाई कोर्ट तक पहुंचाया था। कोर्ट के आदेश के बाद दोनों पक्षों ने मिलकर यह फैसला लिया कि चौपाटी को शिफ्ट किया जाए, ताकि ट्रैफिक, बच्चों की सुरक्षा और पढ़ाई के वातावरण को ध्यान में रखा जा सके। इस शिफ्टिंग के लिए आमानाका वेंडिंग जोन को उपयुक्त स्थान माना गया है, बशर्ते यहां वही सुविधाएं उपलब्ध की जाएं, जो साइंस कॉलेज चौपाटी में थीं।
हालांकि, वेंडरों का कहना है कि नए स्थान पर शिफ्टिंग के दौरान उन्हें कोई सुविधाएं नहीं दी गई हैं। सोमवार को कुछ वेंडरों को शिफ्ट किया गया, लेकिन वहां बिजली, पानी जैसी आवश्यक सुविधाओं का अभाव था। वे यह भी कह रहे हैं कि निगम अधिकारियों ने उन्हें जबरदस्ती शिफ्ट करने की धमकी दी है।
यह विवाद उस समय शुरू हुआ था जब कांग्रेस सरकार में रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय ने साइंस कॉलेज चौपाटी के लिए दुकानों का प्रस्ताव पास कराया था, ताकि जीई रोड पर ठेले लगाने से होने वाले जाम को रोका जा सके। इस फैसले का विरोध पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने किया था।
साइंस कॉलेज चौपाटी में 60 गुमटियां बनाई गई थीं, जिनका किराया पहले 19,500 रुपए महीना था, लेकिन 11 महीने के एग्रीमेंट के बाद किराया बढ़ाकर 26,000 रुपए कर दिया गया।