हाउसिंग बोर्ड की 7 आवासीय परियोजनाओं की शुरुआत: ईडब्ल्यूएस पर 80 हजार, एलआईजी पर 40 हजार सब्सिडी, 50 हजार मकान बनाए जाएंग…!

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राज्य सरकार अब जरूरतमंदों को सस्ते मकान प्रदान करेगी। इसके तहत छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड 1650 नए मकान बनाएगा, जिनमें ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) मकानों पर 80 हजार रुपये और एलआईजी (निम्न आय समूह) मकानों पर 40 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को ‘अटल विहार योजना’ के तहत 7 आवासीय परियोजनाओं की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य ‘सभी के लिए आवास’ की परिकल्पना को पूरा करना है।

इन परियोजनाओं में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के 1452 आवास और एमआईजी (मध्यम आय समूह) के 200 आवास बनाए जाएंगे। आवेदक अब इन आवासों के लिए ऑनलाइन पंजीयन कर सकेंगे। राज्य के वित्त और आवास मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि इन मकानों की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जाएगा और यह परियोजनाएं राजधानी रायपुर से लेकर बीजापुर जिले जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में भी बनाई जाएंगी। जल्द ही यह योजना राज्य के सभी जिलों में लागू की जाएगी।

इन 7 परियोजनाओं में रायपुर के भुरकोनी, राजिम के पथर्रा, धमतरी के खरतुली और सिहाद, दुर्ग के पुलगांव, बालोद के गुरूर और बीजापुर के कोकड़ापारा में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी और एमआईजी श्रेणी के मकान बनाए जाएंगे। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 300 करोड़ रुपये है और इनका उद्देश्य जरूरतमंदों को किफायती, पक्के और सुरक्षित मकान उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना ‘हर शहरी गरीब को आवास’ को ध्यान में रखते हुए किफायती मकान प्रदान करना है। इसके अंतर्गत हाउसिंग बोर्ड द्वारा 50,000 मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

ये मकान 4450 एकड़ भूमि पर बनाए जाएंगे और विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न लागतों पर काम किया जाएगा, जैसे भुरकोनी रायपुर में 61 करोड़, कोकड़ापारा बीजापुर में 30 करोड़, खरतुली धमतरी में 26 करोड़, पथर्रा राजिम में 62 करोड़, और अन्य स्थानों पर भी परियोजनाओं की लागत निर्धारित की गई है।

हाउसिंग बोर्ड को 1 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से सरकारी भूमि प्रदान की गई है, और प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स इस परियोजना की निगरानी करेंगे।

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