बिलासपुर के मुंगेली नाका इलाके में मंगलवार देर रात आगजनी की एक बड़ी घटना सामने आई। किसी अज्ञात व्यक्ति ने आधी रात को 7 दुकानों में आग लगा दी। ये दुकानें चाय-नाश्ता, फल-फूल और पूजा सामग्री बेचने वालों की थीं। इस हादसे में करीब 1.70 लाख रुपये का नुकसान हुआ। घटना शेफर्ड स्कूल के पास की है, जहां दुकानदारों का सालों से कारोबार चल रहा था।
आधी रात लगी आग, दुकानदारों को हुआ भारी नुकसान
दुकानदार वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने अपनी फल की दुकान रात 11 बजे बंद की और पॉलिथीन से ढंककर घर चले गए। रात करीब 3:30 बजे उन्हें फोन पर आग लगने की खबर मिली। जब तक वे मौके पर पहुंचे, फायर ब्रिगेड आग बुझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन तब तक सभी दुकानें जल चुकी थीं।
सारी दुकानें पास-पास होने से आग तेजी से फैली
आगजनी में जिन 7 दुकानों का नुकसान हुआ, उनमें अक्षत केशरवानी, सुल्तान मोहम्मद, मुन्ना सिंह, और फलीन्द्र सिंह परिहार की दुकानें शामिल थीं। सभी दुकानें एक-दूसरे के करीब थीं, जिसकी वजह से आग ने तेजी से सभी को अपनी चपेट में ले लिया।
दुकानों में रखे सामान में फल, फूल, पूजा सामग्री, और खाने-पीने का सामान था, जो पूरी तरह जलकर राख हो गया। दुकानदारों के मुताबिक, आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में सब कुछ खत्म हो गया।
सीसीटीवी फुटेज में आरोपी कैद
इस घटना की जांच में पुलिस को एक अहम सुराग मिला है। आसपास के सीसीटीवी फुटेज में एक व्यक्ति को आग लगाते हुए देखा गया है। फुटेज में साफ दिख रहा है कि वह व्यक्ति जानबूझकर आगजनी कर रहा है।
पुलिस ने इस आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश जारी है। फिलहाल, पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह आगजनी किसी व्यक्तिगत दुश्मनी का नतीजा थी या फिर इसके पीछे कोई और वजह है।
दुकानदारों की पीड़ा: सालों की मेहनत पल भर में राख
दुकानदार इस हादसे से गहरे सदमे में हैं। वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके फल के ठेले पर ही उनका पूरा परिवार निर्भर था। अक्षत केशरवानी ने बताया कि उन्होंने दुकान के लिए हाल ही में उधार लेकर सामान खरीदा था, जो अब जलकर खत्म हो गया।
सुल्तान मोहम्मद ने कहा, “हमारे पास बीमा भी नहीं था। अब दुकान दोबारा शुरू करने के लिए पैसे कहां से लाएंगे?” दुकानदारों की इस व्यथा ने स्थानीय लोगों को भी झकझोर दिया है।
पुलिस जांच में साजिश का शक
सिविल लाइन पुलिस ने आगजनी का मामला दर्ज कर लिया है और इसे एक साजिश के तौर पर देख रही है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी ने जानबूझकर इन दुकानों को निशाना बनाया।
आसपास के लोगों और दुकानदारों से पूछताछ जारी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी का इन दुकानों से कोई निजी विवाद था या नहीं।
फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई, लेकिन नुकसान से नहीं बचा
फायर ब्रिगेड की टीम को जैसे ही घटना की सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे। हालांकि आग इतनी तेजी से फैली थी कि उनके पहुंचने तक सभी दुकानें जल चुकी थीं।
फायर ब्रिगेड के एक कर्मचारी ने बताया, “आग बुझाने में करीब एक घंटे का समय लगा। अगर हमें कुछ मिनट पहले सूचना मिलती, तो शायद नुकसान कम हो सकता था।”
स्थानीय प्रशासन से मदद की मांग
दुकानदारों ने स्थानीय प्रशासन से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि इस आगजनी ने उनकी रोजी-रोटी छीन ली है और अब उन्हें अपनी दुकानें दोबारा शुरू करने के लिए सरकारी मदद की जरूरत है।
स्थानीय पार्षद ने दुकानदारों को आश्वासन दिया है कि वह उनकी समस्याएं प्रशासन तक पहुंचाएंगे।
मुंगेली नाका में सुरक्षा पर सवाल
यह घटना मुंगेली नाका इलाके में सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में रात के समय पुलिस गश्त नहीं होती, जिससे असामाजिक तत्वों को मौका मिलता है।
एक निवासी ने कहा, “अगर पुलिस की रात में गश्त होती, तो आरोपी को आग लगाते वक्त पकड़ लिया जाता।”
मुंगेली नाका की इस घटना ने न केवल दुकानदारों को आर्थिक संकट में डाल दिया है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को भी उजागर किया है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में कितनी जल्दी आरोपी को पकड़ पाती है और दुकानदारों को न्याय दिला पाती है।