छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सली गतिविधियों की एक और घटना सामने आई है। बासागुड़ा इलाके में हुए आईईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के दो जवान घायल हो गए। घायल जवानों को तुरंत एयरलिफ्ट कर रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बीच सुरक्षाबलों ने नक्सली गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए कई अभियानों में सफलता हासिल की है।
IED ब्लास्ट में दो जवान घायल
बीजापुर के बासागुड़ा क्षेत्र में सीआरपीएफ की 229 बटालियन और कोबरा बटालियन की एक संयुक्त टीम एरिया डोमिनेशन के लिए निकली थी। इसी दौरान नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से दो जवान घायल हो गए। घायलों की पहचान मृदुल बर्मन और इशाक खान के रूप में हुई है।
ब्लास्ट के तुरंत बाद जवानों को मौके से एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया। रायपुर के देवेंद्र नगर स्थित निजी अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि दोनों की सर्जरी की जा रही है और उनकी हालत स्थिर है।
ग्रामीण की हत्या के आरोपी नक्सली की गिरफ्तारी
नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस को एक और सफलता मिली है। बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के कमकानार बाजार से नक्सली मंगल उइका को गिरफ्तार किया गया। मंगल उइका पर आरोप है कि उसने एक ग्रामीण मुकेश हेमला की हत्या की थी।
पुलिस के मुताबिक, यह घटना 22 दिसंबर 2024 की है। गंगालूर एरिया कमेटी के नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में मुकेश का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी। अगले दिन उसका शव रेड्डी के सूखा तालाब के पास मिला था। मंगल उइका को न्यायालय में पेश कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।
सुकमा में सात नक्सली गिरफ्तार
सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र से भी नक्सली गतिविधियों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। दुलेड़ के जंगल-पहाड़ से सात नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि इन नक्सलियों ने 2024 में दुलेड़ के पास एक पिकअप वाहन में आगजनी और लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था। मेटागुड़ा कैंप से कोबरा बटालियन की 203 वाहिनी की संयुक्त टीम ने इन नक्सलियों को पकड़ा।
गिरफ्तार आरोपियों में सोड़ी हिडमा, माड़वी चंदू, मड़कम भीमा, सोड़ी सोमड़ा, सोड़ी बुधराम, सोड़ी कोसा और मड़कम हिडमा शामिल हैं। ये सभी पामेड़ थाना क्षेत्र के पीनाचंदा गांव के निवासी हैं।
आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि वे लंबे समय से नक्सल संगठन के साथ जुड़े हुए थे। इन सभी पर पहले से मामले दर्ज थे। पुलिस ने इन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
नक्सलियों के खिलाफ सख्ती
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने 2024 में नक्सलियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की है। कई बड़े नक्सली मारे गए हैं, और बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन कार्रवाइयों के चलते नक्सल संगठनों की ताकत कमजोर पड़ी है।
2025 की शुरुआत में भी नक्सली अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षाबल उनके हर प्रयास को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
आम जनता पर असर और सुरक्षाबलों की भूमिका
नक्सल प्रभावित इलाकों में आम जनता पर इन गतिविधियों का गहरा असर पड़ता है। ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों में रुकावट आती है, और लोग भय के माहौल में जीने को मजबूर होते हैं।
सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से अब ग्रामीणों का भरोसा बढ़ रहा है। कई इलाकों में लोग नक्सलियों के खिलाफ खुलकर बोलने लगे हैं।
प्रशासन की अपील: नक्सलवाद के खिलाफ साथ आएं
राज्य प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों का साथ दें। प्रशासन का कहना है कि नक्सलवाद के खात्मे के लिए जनता और सरकार का साथ आना बेहद जरूरी है।
पुलिस ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया है कि उनकी सुरक्षा प्राथमिकता है। इसके साथ ही प्रशासन विकास योजनाओं को तेजी से लागू करने का वादा कर रहा है।
नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक जंग
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर है। सुरक्षाबलों की सख्ती और जनता के सहयोग से नक्सली कमजोर पड़ रहे हैं। बीजापुर और सुकमा की ताजा घटनाएं यह साबित करती हैं कि नक्सली अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की कोशिश में हैं, लेकिन उनकी हर साजिश नाकाम हो रही है।