फ्लोरा मैक्स का फर्जीवाड़ा: महिलाओं को झांसे में फंसा कर बनाया लाखों का कर्जदार…!

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कोरबा जिले में फ्लोरा मैक्स और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के गठजोड़ का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आजीविका का सपना दिखाकर इन कंपनियों ने ग्रामीण महिलाओं को भारी कर्ज में डाल दिया। महिलाओं को रोजगार देने और आय बढ़ाने का वादा कर, उनके नाम पर बैंकों से लोन लिया गया, लेकिन इसका बड़ा हिस्सा कंपनियों ने हड़प लिया। महिलाएं अब भारी कर्ज तले दब गई हैं और किश्त चुकाने में असमर्थ होकर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।

 

 

 

महिलाओं को आजीविका का झांसा देकर बनाया कर्जदार

फ्लोरा मैक्स कंपनी ने महिलाओं को यह आश्वासन दिया कि वे 40,000 रुपये का लोन लेकर रोजगार शुरू कर सकती हैं। हर महिला को बताया गया कि उन्हें हर महीने 2,700 रुपये की आय होगी। इस विश्वास के चलते कई महिलाओं ने लोन लिया, लेकिन हकीकत कुछ और ही थी।

लोन के 40,000 रुपये में से कंपनी ने 30,000 रुपये अपने खाते में जमा करवा लिए। बचे हुए 10,000 रुपये में से 4,500 रुपये प्रोसेसिंग फीस के नाम पर काट लिए गए। महिलाओं के हाथ में केवल 5,500 रुपये आए। न रोजगार शुरू हुआ, न कोई आय का साधन मिला, लेकिन अब लोन की किश्तें चुकाने का भारी बोझ उनके ऊपर आ गया।

एक महिला के नाम पर कई लोन

फ्लोरा मैक्स और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की धोखाधड़ी का स्तर इतना बड़ा है कि एक ही महिला के नाम पर 10-10 बार लोन लिया गया।

  • ग्राम कछार की संतोषी यादव के नाम पर 4 अलग-अलग कंपनियों से लोन लिया गया।
  • सीतामढ़ी की संतोषी जलवा के नाम पर 10 कंपनियों से लोन दिलाया गया।
  • कोरबा की अंजू वर्मा ने बताया कि इन कंपनियों ने आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे सामान्य दस्तावेजों के आधार पर कई बार लोन स्वीकृत करवा दिया।

इन महिलाओं को उनके लोन के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई। अब बैंकों के कर्मचारी रोजाना घर आकर किश्त की मांग कर रहे हैं, जिससे महिलाओं की समस्याएं और बढ़ गई हैं।

 

 

पीड़ित महिलाएं 10 दिनों से धरने पर

फ्लोरा मैक्स और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की धोखाधड़ी से परेशान महिलाएं पिछले 10 दिनों से धरने पर बैठी हैं। उनका कहना है कि उनके लोन माफ किए जाएं, क्योंकि वे अब किश्त चुकाने की स्थिति में नहीं हैं।

  • महिलाएं जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर रही हैं।
  • रोजाना बैंक कर्मचारी और एजेंट उनके घर जाकर वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं।
  • श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन और कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने धरने पर महिलाओं से बात की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।

बैंकों और एजेंटों पर कानूनी कार्रवाई शुरू

इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।

  • एचडीएफसी बैंक और फ्लोरा मैक्स कंपनी के कर्मचारी व एजेंटों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
  • बांगो थाना क्षेत्र के बांधापारा की सावित्री सेद्राम ने शिकायत दर्ज करवाई कि बैंक कर्मचारी लखन साहू और एजेंट संतोषी साहू ने 40,000 रुपये का लोन दिलाया और उससे धोखाधड़ी की।
  • कटघोरा में फिन केयर माइक्रो फाइनेंस बैंक के प्रबंधन और एजेंट राधिका कैवर्त के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस इन एजेंटों और कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बना रही है।

महिलाओं का दर्द: “न रोजगार मिला, न पैसे”

कई महिलाएं इस धोखाधड़ी से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

  • संतोषी यादव ने कहा, “हमने सोचा था कि लोन लेकर रोजगार शुरू करेंगे, लेकिन न तो पैसे मिले और न ही कोई काम। अब बैंक कर्मचारी किश्त के लिए रोज तंग कर रहे हैं।”
  • अंजू वर्मा ने बताया, “फ्लोरा मैक्स ने हमें सिर्फ झूठे सपने दिखाए। हमने जो पैसे जमा किए, वह भी वापस नहीं मिला।”

इन महिलाओं की स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि वे अब अपने परिवार का खर्च चलाने में भी असमर्थ हो गई हैं।

लोन माफी की मांग

धरने पर बैठीं महिलाएं अब सरकार और प्रशासन से लोन माफी की मांग कर रही हैं।

  • उन्होंने कहा है कि जब लोन का बड़ा हिस्सा कंपनी ने खुद रख लिया, तो उन्हें कर्ज चुकाने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है।
  • महिलाओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगी।

माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर सवाल

यह मामला माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

  1. लोन देने की प्रक्रिया में गड़बड़ियां:
    माइक्रो फाइनेंस कंपनियां बिना पर्याप्त जांच-पड़ताल के लोन दे रही हैं।
  2. गरीबों को निशाना:
    ये कंपनियां आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को निशाना बना रही हैं, जो रोजगार की तलाश में रहती हैं।
  3. सिस्टम की विफलता:
    ऐसे मामलों से पता चलता है कि लोन प्रक्रिया को सही तरीके से मॉनिटर नहीं किया जा रहा है।

सरकार का रुख

सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

  • श्रम मंत्री ने कहा है कि दोषी कंपनियों और बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  • प्रशासन ने जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई है, जो इन मामलों की तह तक जाएगी।

समाधान की ओर बढ़ते कदम

फ्लोरा मैक्स और अन्य फाइनेंस कंपनियों की धोखाधड़ी से सबक लेते हुए, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो।

  • लोन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
  • गरीब और महिलाओं को सही जानकारी दी जाए।
  • फर्जीवाड़े में शामिल कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
  • महिलाओं की न्याय की लड़ाई

फ्लोरा मैक्स और माइक्रो फाइनेंस कंपनियों ने महिलाओं को बड़े सपने दिखाकर कर्जदार बना दिया। अब ये महिलाएं अपने अधिकार और न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं। सरकार और प्रशासन को उनकी समस्याओं का स्थायी समाधान निकालना होगा ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।

 

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