बिलासपुर में खाद्य विभाग ने सोमवार को बाजार से धान खरीद कर सोसाइटी में खपाने से पहले ही उसे जब्त कर लिया। बिचौलिए के पास से 80 क्विंटल धान मिला है। इसके साथ ही प्रशासन और खाद्य विभाग की टीम ने भौतिक सत्यापन के दौरान 10 किसानों से 876 क्विंटल धान का रकबा समर्पण कराया है। अधिकारियों दावा है कि धान का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। विकासखंड तखतपुर धान उपार्जन केन्द्र टांडा के कृषक कृष्णा देवी गुप्ता व हरीशचंद निवासी कोटा ने उपार्जन केंद्र में धान बेचने के लिए बाजार से 80 क्विंटल धान खरीदा था। दोनों ही किसान अपना धान लेकर तखतपुर के टांडा उपार्जन केंद्र में बेचने जा रहे थे।
इसकी जानकारी मिलते ही राजस्व व खाद्य विभाग की टीम सक्रिय हो गई और उपार्जन केंद्र में दबिश देकर धान को जब्त कर लिया। पूछताछ में धान कोटा के एक व्यापारी से खरीदकर उपार्जन केंद्र में समर्थन मूल्य पर बेचने की जानकारी दी।
भौतिक सत्यापन के दौरान मिली गड़बड़ी
- मस्तूरी ब्लाक के धान उपार्जन केन्द्र चिल्हाटी में भौतिक सत्यापन करने नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे। मौके पर कृषक के पास उपलब्ध धान के भौतिक सत्यापन उपरांत धान कम पाए जाने पर 1.580 हेक्टेयर 81 क्विंटल धान का रकबा समर्पण कृषक की सहमति से कराई गई।
- तहसील सकरी स्थित धान उपार्जन केन्द्र घुरु में तहसीलदार सकरी जांच के दौरान कृषक राधेश्याम शर्मा के पास उपलब्ध धान के भौतिक सत्यापन किया। इसमें 135 क्विंटल धान का रकबा समर्पण कृषक की सहमति कराई गई।
- तहसील मस्तूरी स्थित धान उपार्जन केन्द्र सह सेवा सहकारी समिति जोंधरा में नायब तहसीलदार ने जांच की। मौके पर उपस्थित किसानों के पास उपलब्ध धान के भौतिक सत्यापन उपरांत कुल सात कृषकों से 359.60 क्विंटल धान का रकबा समर्पण कराया गया।
- तहसील बोदरी के अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्र सरवानी का निरीक्षण नायब तहसीलदार बोदरी ने किया। भौतिक सत्यापन के दौरान जारी टोकन का भौतिक सत्यापन करने पर लगभग 300 क्विंटल धान का रकबा समर्पण कृषकों से कराया गया।
टोकन का सत्यापन के बाद ही होगी खरीदी
धान खरीदी प्रक्रिया में बिचौलियों और कोचियों की संदिग्ध भूमिका को देखते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। अब धान उपार्जन केंद्रों में सिर्फ वही धान बिकने के लिए आएगा, जिनका एक दिन पहले तहसीलदार या नोडल अधिकारी सत्यापन करेंगे। धान समितियों में भौतिक सत्यापन के दौरान पाई गई खामियों को लेकर एसडीएम ने सभी तहसीलदार और समिति संचालक, ऑपरेटरों को इसके लिए निर्देश दिए हैं।
खरीदे गए धान का भौतिक सत्यापन करने के दौरान समितियों में लगातार गड़बड़ी सामने आ रही है। कहीं खरीदी से ज्यादा धान मिल रहा है तो कहीं बहुत कम। एसडीएम पीयूष तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि समितियों में अब वही धान पहुंचेगा जिनका भौतिक सत्यापन तहसीलदार एक दिन पहले किसान के घर जाकर करेंगे।
मौके पर किसान के घर में 100 किट्टी का टोकन मिलेगा और 20 कट्टी धान मिलेगा तो खरीदी केवल 20 कट्टी की होगी। बचा हुआ शेष रकबा किसानों द्वारा समर्पण करना होगा। यह कदम फर्जी खरीदी रोकने और सही लाभार्थियों को लाभ देने के उद्देश्य से उठाया गया है।