महाशिवरात्रि पर सिंधी समाज ने देर रात तक श्रद्धालुओं को वितरित की प्रसादी, युवा पीढ़ी ने निभाई 69 वर्षों पुरानी परंपरा

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“निराकार शिव है हम सबके पिता, विश्व शांति का आधार हमारी एकता”
“द्वार खड़े हैं शिव भगवान, पांच विकारों का दो दान”

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा नेहरू नगर में आयोजित आध्यात्मिक शिव संदेश रैली में श्वेत वस्त्रधारी भाई-बहनों ने एकता और शिव के संदेश के साथ आध्यात्मिकता का परचम लहराया।

रैली के दौरान निराकार शिव के संदेश को फैलाते हुए, सभी जनमानस शिवमय हो गए और शांति एवं प्रेम का संदेश दिया।

रैली का शुभारंभ नेहरू नगर-पूर्व स्थित बांके बिहारी चैरिटेबल ट्रस्ट राधा कृष्ण मंदिर से हुआ। श्रद्धालु रथ के साथ शिव के अद्वितीय संदेश का प्रचार करते हुए विभिन्न मार्गों से होते हुए गुरुद्वारे के सामने पहुंचे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। रैली मोहनलाल बाकलिवाल अंडर ब्रिज से होते हुए अग्रसेन चौक तक पहुंची, जहां सभी ने शिव के आशीर्वाद से खुद को अभिभूत महसूस किया।

इस आयोजन का उद्देश्य शिव जयंती के पावन अवसर को मनाने के साथ-साथ समाज में शिव के सत्य, शांति और प्रेम के संदेश को फैलाना था।

रैली में शामिल सभी ने एक स्वर में कहा, “निराकार शिव है हम सबके पिता, और उनके द्वारा दी गई शिक्षाएं हमें एकता और शांति की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।”

राजयोग चित्र प्रदर्शनी के माध्यम से श्रद्धालुओं को शिव की शक्तियों को अपने जीवन में धारण करने के लिए प्रेरित किया गया। इसके पश्चात सभी ने शिव ज्योतिर्लिंग पर अपनी कमियां और कमजोरियां लिखकर अर्पित कीं।

रैली के अंतिम पड़ाव पर सभी भाई-बहनों ने शिव ध्वज के नीचे एकजुट होकर विश्व शांति और समृद्धि की कामना की

इस आयोजन ने संदेश दिया कि आध्यात्मिकता और एकता के माध्यम से ही समाज में वास्तविक शांति लाई जा सकती है

विशेष: सभी श्रद्धालुओं ने प्रातः काल से ही विभिन्न शिव मंदिरों में संगठित रूप से राजयोग का अभ्यास किया।

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