छ.ग के दिग्गजों की हॉट सीट का रिजल्ट जारी ; मंत्री मोहम्मद अकबर, रविंद्र चौबे हारे; बृजमोहन को मिली बड़ी जीत; सांसद विजय बघेल की मिली हार…!

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छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 1 केंद्रीय मंत्री समेत जिन 4 सांसदों को चुनावी मैदान में उतारा था। उनमें एक विजय बघेल पाटन विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। इस सीट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनाव जीते। कुल 18 राउंड की काउंटिंग में भूपेश बघेल को 95,438 वोट मिले। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल को 19,723 वोट से हराया। जबकि लोरमी से सांसद अरुण साव, पत्थलगांव से सांसद गोमती साय और भरतपुर-सोनहत से रेणुका सिंह चुनाव जीती।

कवर्धा से कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री मोहम्मद अकबर चुनाव हार गए। उन्हें भाजपा प्रत्याशी विजय शर्मा ने 39,592 वोट से हराया। वहीं साजा से कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री रविंद्र चौबे भी हार गए उन्हें ईश्वर साहू ने 5196 वोट से हराया। रायपुर दक्षिण से भाजपा से बृजमोहन अग्रवाल ने 67,851 वोट से कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को हराया।

देखें – कहां, कौन, कितने अंतर से जीता-हारा

पाटन से सीएम भूपेश बघेल की जीत

  • कुल 18 राउंड की काउंटिंग में भूपेश बघेल को 95,438 वोट मिले।
  • भूपेश बघेल ने भूपेश बघेल को 19723 वोट से हराया।
  • विजय बघेल को 75,715 वोट मिले।

इस सीट से बीजेपी ने विजय बघेल को उनके खिलाफ उतारा जिसके बाद से यह सीट हाईप्रोफाइल बन गई थी। विजय बघेल बीजेपी से सांसद हैं। साथ ही भूपेश बघेल के भतीजे भी हैं। जिसके चलते यह सीट कका Vs भतीजा भी बन गई थी।

कवर्धा से मंत्री मोहम्मद अकबर हारे

  • भाजपा प्रत्याशी विजय शर्मा जीते।
  • कुल 20 राउंड की काउंटिंग में 1,44,257 वोट मिले।
  • कांग्रेस के मोहम्मद अकबर को हराया, उन्हें 1,04,665 वोट मिले।

सांप्रदायिक तनाव के कारण यह सीट चुनावी माहौल से पहले ही हाईप्रोफाइल बन गई थी। 2 साल पहले 3 अक्टूबर 2021 को धार्मिक झंडा लगाने को लेकर जो विवाद हुआ उसने सांप्रदायिक और राजनीतिक रूप ले लिया था। 2 गुटों की मारपीट के बाद शहर में धारा 144 भी लागू की गई थी। इस मामले में बीजेपी नेता विजय शर्मा की गिरफ्तारी हुई थी जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें चुनाव में प्रत्याशी भी बना दिया वहीं उनके सामने कांग्रेस से मोहम्मद अकबर के चुनाव लड़ने से मुकाबला और दिलचस्प हो गया था।

साजा से मंत्री रविंद्र चौबे हारे

  • ईश्वर साहू ने चौबे को 5196 वोट से हराया। ईश्वर को 1,01789 वोट मिले।
  • कुल 23 राउंड की काउंटिंग में कांग्रेस प्रत्याशी मंत्री रविंद्र चौबे को 96,593 वोट मिले।

​​​​​बिरनपुर, साजा विधानसभा सीट का एक गांव जहां 8 अप्रैल 2023 को 2 गुटों में हिंसक झड़प हुई। कथित तौर पर स्कूली बच्चों के बीच झगड़े के बाद यह हिंसा भड़की थी। सांप्रदायिक हिंसा में 22 साल के भुवनेश्वर साहू की मौत हो गई थी। इसके बाद बीजेपी ने भुवनेश्वर के पिता ईश्वर साहू को साजा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतार दिया। यहां उनका मुकाबला मंत्री रविंद्र चौबे से था।

रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल जीते

  • 19 राउंड की काउंटिंग में 1,09263 वोट मिले।
  • कांग्रेस के महंत रामसुंदर दास को 67,851 वोट से हराया।

इस सीट मौजूदा बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी महंत रामसुंदर दास से था। उन्हें बृजमोहन अग्रवाल गुरु मानते हैं। वहीं इस सीट पर प्रचार के दौरान बृजमोहन अग्रवाल पर हमला भी हुआ था लिहाजा यह सीट हॉट सीट रही।

लोरमी से अरुण साव जीते

  • कांग्रेस से थानेश्वर साहू की हार हुई।
  • 19 राउंड में अरुण साव 75,070 वोट से जीते।
  • थानेश्वर साहू को 45,891 वोट से हराया।

इस सीट से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के खिलाफ कांग्रेस से थानेश्वर साहू चुनाव लड़े। 2018 में JCCJ की टिकट पर धर्मजीत सिंह जीते थे और अभी JCCJ से सागर सिंह मैदान में थे।

पत्थलगांव से सांसद गोमती साय जीतीं

  • कांग्रेस प्रत्याशी रामुपकार सिंह चुनाव हारे।
  • 20 राउंड की गिनती में गोमती साय को 82,320 वोट मिले।
  • उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को 255 वोट हराया, रामपुकार को 82,065 वोट मिले।

कांग्रेस ने भाजपा सांसद और प्रत्याशी गोमती साय के सामने रामकुमार को मैदान पर उतारा था। इसलिए ये हॉट सीट बनी हुई थी।

भरतपुर-सोनहत से केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह जीतीं

  • कांग्रेस प्रत्याशी और वर्तमान विधायक गुलाब कमरो को 4919 वोट से हराया।
  • कुल 16 राउंड में रेणुका सिंह को 55,809 वोट मिले, गुलाब कमरो को 50,890 वोट।

इस सीट से कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायक गुलाब कमरो प्रत्याशी थे। उनके खिलाफ केंद्रीय राज्य मंत्री के चुनाव लड़ने से यह सीट हाईप्रोफाइल थी।

कोटा से कांग्रेस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव की जीत

  • बीजेपी प्रत्याशी प्रबल प्रताप सिंह को 7957 वोट से हराया।
  • कुल 20 राउंड में अटल को 73,479 वोट मिले। प्रबल को 65,522 वोट मिले।

यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले के कारण दिलचस्प बन गई थी। JCCJ का यहां वर्चस्व माना जाता था, 2018 चुनाव में डॉ रेणु जोगी ने जीत दर्ज की थी और अभी भी वे JCCJ से चुनाव लड़ीं।

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