गुजरात में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन: भाजपा का आरोप – “ये अधिवेशन नहीं, भ्रष्टाचारियों की बैठक है”
कांग्रेस पार्टी इन दिनों गुजरात के अहमदाबाद में अपना राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित कर रही है। पार्टी इस अधिवेशन के जरिए अपने संगठन को मजबूत करने, चुनावी रणनीतियों को दुरुस्त करने और आगामी राजनीतिक चुनौतियों का सामना करने की तैयारी कर रही है।
लेकिन इस अधिवेशन को लेकर अब राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के इस अधिवेशन पर सीधा हमला बोला है। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने इस अधिवेशन को “भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन” बना दिया है।
भाजपा का आरोप – भ्रष्ट नेताओं को बुलाया गया अधिवेशन में
भाजपा के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने इस राष्ट्रीय अधिवेशन में ऐसे नेताओं को बुलाया है, जिन पर भ्रष्टाचार, घोटाले, जेल जाने और फरार रहने जैसे गंभीर आरोप हैं।
उनका कहना है कि कांग्रेस की “अपेक्षित श्रेणी” (यानि जिन्हें विशेष रूप से बुलाया गया) में ऐसे नेता शामिल हैं:
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रामगोपाल अग्रवाल – जो कई वर्षों से फरार चल रहे हैं।
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पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा – जिन पर आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
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पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर, शिव कुमार डहरिया और जय सिंह अग्रवाल – जिनका नाम भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में आ चुका है।
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कुलदीप जुनेजा – जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने खुद ही कारण बताओ नोटिस देकर पार्टी से निकाले जाने की चेतावनी दी थी।
भाजपा ने सवाल उठाया है कि ऐसे दागी नेताओं को कांग्रेस अपने राष्ट्रीय मंच पर क्यों बुला रही है?
“यह कांग्रेस का अधिवेशन नहीं, घोटालेबाजों की गोष्ठी है” – भाजपा
भाजपा नेता श्रीवास्तव ने कहा कि इस अधिवेशन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और भूपेश बघेल जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हो रहे हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए पूछा कि इन लोगों की बैठकों में किसने कितना घोटाला किया, कितना पैसा कमाया, कितना बचाया, क्या इसी पर चर्चा होने वाली है?
उनका आरोप है कि कांग्रेस पार्टी अब भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने वाली पार्टी बन चुकी है और यह अधिवेशन उसकी एक मिसाल है।
“फूलों की सड़क” पर भी निशाना
भाजपा नेता ने कांग्रेस के पिछले अधिवेशन की याद दिलाई, जो कि छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में हुआ था। उन्होंने बताया कि जब प्रियंका गांधी उस अधिवेशन में शामिल होने आईं थीं, तब राज्य सरकार ने स्वागत में करीब दो किलोमीटर तक सड़क पर गुलाब की पंखुड़ियों की मोटी परत बिछा दी थी।
➡️ इस पूरे स्वागत में 6,000 किलो से अधिक गुलाब के फूल खर्च किए गए थे।
➡️ श्रीवास्तव का कहना है कि यह जनता के पैसों का दुरुपयोग था।
उनका आरोप है कि कांग्रेस सिर्फ अपने भ्रष्ट नेताओं को खुश करने के लिए इस तरह के भव्य आयोजन करती है।
अब समझिए – कांग्रेस का यह अधिवेशन आखिर है क्या?
गुजरात के अहमदाबाद में चल रहा यह अधिवेशन कांग्रेस पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण रणनीतिक अवसर है। यह अधिवेशन करीब 64 साल बाद गुजरात में हो रहा है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस अधिवेशन में निम्न मुद्दों पर चर्चा की जा रही है:
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संगठन सृजन को तेज करना – यानी ब्लॉक से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक संगठन को मजबूत बनाना।
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जवाबदेही तय करना – पदाधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जा रही है ताकि बेहतर काम हो सके।
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चुनावी तैयारी – 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी की रणनीति तैयार की जा रही है।
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जिला कांग्रेस कमेटियों (DCC) को ज्यादा अधिकार देना।
इस अधिवेशन में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के सदस्य भाग ले रहे हैं। छत्तीसगढ़ से भी प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसमें भाग लेने गए हैं।
कांग्रेस की ओर से क्या जवाब आया?
(नोट: मूल खबर में कांग्रेस की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है, लेकिन एक संतुलित खबर के लिए इसे शामिल किया जा सकता है।)
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि भाजपा की ओर से लगाए गए आरोप राजनीतिक विद्वेष और डर का हिस्सा हैं। कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र की बात करती है और अपने मंच पर हर कार्यकर्ता और नेता को अवसर देती है।
पार्टी का कहना है कि भाजपा मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है और इसलिए ऐसे आरोप लगा रही है ताकि अधिवेशन की मूल भावना पर ध्यान न जाए।
✅ मुख्य बिंदु (हाइलाइट्स):
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कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन गुजरात के अहमदाबाद में हो रहा है।
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भाजपा ने अधिवेशन को “भ्रष्टाचारियों का सम्मेलन” बताया।
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रामगोपाल अग्रवाल, कवासी लखमा, मोहम्मद अकबर जैसे विवादित नेताओं को बुलाए जाने पर उठे सवाल।
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भाजपा का आरोप – अधिवेशन में घोटालों और कमाई के बंटवारे पर होगी चर्चा।
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पिछली बार छत्तीसगढ़ में हुए अधिवेशन में प्रियंका गांधी के स्वागत में बिछाई गई थी गुलाब की सड़क।
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कांग्रेस का दावा – अधिवेशन संगठन निर्माण और जवाबदेही पर केंद्रित है।
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64 साल बाद गुजरात में कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है।
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छत्तीसगढ़ से दीपक बैज और भूपेश बघेल हुए शामिल।
✍️ निष्कर्ष:
कांग्रेस का यह अधिवेशन जहां पार्टी के लिए एक राजनीतिक पुनर्गठन और दिशा तय करने का मौका है, वहीं भाजपा इसे एक प्रचारात्मक मंच मान रही है जिसमें “भ्रष्ट नेताओं” को बुलाकर जनता की भावनाओं का अपमान किया जा रहा है।
यह विवाद दर्शाता है कि देश की राजनीति में सिर्फ नीति और विचारधाराएं नहीं, बल्कि छवि, आरोप और नैतिकता भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। ऐसे में जनता को खुद तय करना होगा कि किसका अधिवेशन सच्चे बदलाव की ओर ले जा रहा है और किसका केवल सत्ता की भूख को दर्शा रहा है।