प्रशासन ने तीन अफसरों से 15 दिन में जवाब मांगा:अमानत के 228 करोड़ के अनियमित भुगतान केस में तत्कालीन चीफ इंजीनियर समेत 3 दोषी

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अमानत के 228 करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता के मामले में सरकार ने पंचायत विभाग के तीन अफसरों को दोषी माना है। सरकार ने इन तीनों अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। तत्कालीन प्रमुख अभियंता अरविन्द कुमार राही, तत्कालीन मुख्य अभियंता आर बारी और तत्कालीन प्रभारी वित्त नियंत्रक सेके येरेवार कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

पंचायत विभाग ने इन तीनों अफसरों को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया है। बता दें कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) की सड़कों के निर्माण की शर्तों के तहत ठेकेदारों से विभाग ने यह राशि जमा करवाई थी।

निर्माण एजेंसियों/ ठेकेदारों ने एडिशनल परफार्मेंस गारंटी, सिक्योरिटी डिपॉजिट, परफार्मेंस गारंटी, रायल्टी राशि और जीएसटी राशि जैसे मदों में यह राशि जमा की थी। दरअसल, पीएमजीएसवाय के तहत नवीनीकरण/ मेनटेनेंस कार्यों के लिए निविदा मंजूर करने के बाद 10% से अधिक माइनस एसओआर रेट डालने वाले ठेकेदारों से एपीएस की राशि जमा कराई जाती है।

जो ठेकेदार की अमानत राशि के रूप में निर्माण कार्य पूर्ण होने तक विभाग के पास जमा रहती है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ठेकेदार को उक्त एपीएस की राशि तत्काल वापस करनी होती है। 63 ठेकेदारों द्वारा एपीएस के रूप में जमा की गई 26.35 करोड़ रुपए के साथ ही दूसरी अन्य निधियों में जमा राशि भी खाते में उपलब्ध नहीं है। इस तरह कुल 228.22 करोड़ रुपए की जमा राशि खाते से गायब है।

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