रुचि वर्मा – रायपुर। संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा आयोजित की जाने वाली दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में पिछले साल हुए घोटाले के बाद इस बार मूल्यांकन का पूरा सिस्टम बदल दिया गया। संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा केंद्रीकृत मूल्यांकन कराया जा रहा है। इसके लिए प्रदेशभर के चयनित शिक्षकों को रायपुर बुलाया गया है। इन्हें दूधाधारी मठ के संस्कृत पाठशाला में ठहराया गया है। उत्तरपुस्तिकाएं संस्कृत विद्यामंडलम के पेंशनबाड़ा स्थित कार्यालय में ही जांची जा रही हैं। संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा ही इन शिक्षकों के आवागमन और भोजन इत्यादि की व्यवस्था की गई है।
प्रदेशभर से 56 शिक्षकों को मूल्यांकन के लिए बुलाया गया है। पूर्व में शिक्षकों के रुकने के लिए विवेकानंद आश्रम का चयन किया गया था, किंतु महिला शिक्षकों की अधिकता को देखते हुए अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने उन्हें दूधाधारी मठ में रुकवाने का निर्णय लिया गया। गौरतलब है कि दूधाधारी मठ में भी संस्कृत की पढ़ाई होती है। 8 अप्रैल से मूल्यांकन कार्य प्रारंभ किया गया है। संस्कृत विद्यामंडलम के कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की निगरानी में ही कॉपियां जांची जा रही हैं। अब तक केंद्रीकृत मूल्यांकन के स्थान पर पृथक-पृथक जिलों में केंद्र बनाकर कॉपियां का मूल्यांकन होता रहा है।
जिला स्तर पर हुई 5वीं-8वीं की परीक्षाएं
संस्कृत विद्यामंडलम ने नवमी कक्षा से बारहवीं कक्षा तक की परीक्षाएं आयोजित की गई हैं। वहीं संस्कृत बोर्ड के अंतर्गत पांचवी और आठवीं की परीक्षा जिला स्तर पर जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा आयोजित की गई। इस बार संस्कृत बोर्ड ने अपनी परीक्षाएं उन्हीं तिथियों में रखी थी, जिन तारीखों में माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षाएं थीं। यह व्यवस्था इसलिए की गई थी ताकि एक ही छात्र दोनों बोर्ड की परीक्षाओं में एक साथ शामिल ना हो सके।
3 हजार 82 छात्रों ने दिलाई है परीक्षा
इस बार संस्कृत विद्यामंडलम द्वारा आयोजित 9वीं से 12वीं तक की परीक्षा में 3 हजार 82 विद्यार्थी शामिल हुए हैं। सभी विषय मिलाकर इन छात्रों की 26 हजार उत्तरपुस्तिकाएं जांची जानी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 1 हजार 192 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन ही शेष है। 18 अप्रैल तक मूल्यांकन कार्य पूर्ण होने की उम्मीद मंडल को है। परीक्षा परिणाम अप्रैल अंत अथवा मई के प्रथम पखवाड़े में जारी किए जाएंगे। बीते सत्र में मेरिट लिस्ट रद्द करने के बाद संस्कृत विद्यामंडल द्वारा पुनः मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई थी। इस बार संस्कृत विद्यामंडल मेरिट परीक्षा परिणाम के साथ ही मेरिट लिस्ट भी जारी करेगा।
हरिभूमि ने किया था खुलासा
गौरतलब है कि कई सालों से संस्कृत विद्यामंडलम में चल रहे परीक्षा घोटाले का खुलासा हरिभूमि ने पिछले वर्ष परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद किया था। हरिभूमि की पड़ताल में सामने आया था कि बोर्ड की टॉपर परीक्षा में बैठी ही नहीं थी। इसके अलावा एक ही विद्यार्थी के अलग-अलग विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं में भिन्न-भिन्न लिखावट मिली थी। मूल्यांकन में फेल छात्रों को भी अधिक नंबर देकर उत्तीर्ण कर दिया गया था। खुलासे के बाद मंडल द्वारा परीक्षा परिणाम और मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए पुनः परीक्षा परिणाम जारी किए गए थे। जांच के लिए कमेटी भी गठित की गई थी। तत्कालीन सचिव को पद से हटाते हुए कई कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया था। खुलासे के बाद इस वर्ष मूल्यांकन कार्य में सख्ती बरती जा रही है।