दुर्ग में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर ट्रैफिक पुलिस का शिकंजा, अब तक ₹10 लाख से ज्यादा का चालान

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छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में ट्रैफिक पुलिस इन दिनों शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ पूरी तरह एक्शन मोड में है। आए दिन सड़कों पर दुर्घटनाओं की वजह बनते नशे में ड्राइविंग को रोकने के लिए पुलिस ने एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है “ऑपरेशन सुरक्षा अभियान”।

इस अभियान के तहत, हर शाम 6 बजे से लेकर देर रात तक ट्रैफिक पुलिस अलग-अलग जगहों पर चेकिंग प्वाइंट बना रही है। इन चेकिंग प्वाइंट्स पर आने-जाने वाले हर वाहन को रोका जा रहा है और ड्राइवर का ब्रिथ एनालाइजर टेस्ट किया जा रहा है। यदि कोई व्यक्ति शराब के नशे में वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ तुरंत चालान काटा जा रहा है।


‍♀️ अब तक कितने लोगों पर कार्रवाई हुई?

दुर्ग की एएसपी ट्रैफिक (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक) ऋचा मिश्रा के मुताबिक, पिछले 27 दिनों में कुल 103 लोग ऐसे पकड़े गए हैं जिन्होंने शराब पीकर गाड़ी चलाई। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने सख्त चालानी कार्रवाई की है।

प्रत्येक व्यक्ति पर ₹10,000 का चालान लगाया गया है, जो न्यायालय में जमा कराया जा रहा है। इस तरह अब तक कुल मिलाकर ₹10 लाख 30 हजार रुपए की पेनल्टी वसूली जा चुकी है।


कैसे हो रही है जांच?

  1. पुलिस ने हर दिन शाम से लेकर रात तक जिले के मुख्य मार्गों पर चेकिंग प्वाइंट्स बनाए हैं।

  2. यहां पर आने-जाने वाले वाहनों को रोका जा रहा है।

  3. ड्राइवर का ब्रिथ एनालाइजर टेस्ट (alcohol check machine) किया जाता है।

  4. अगर टेस्ट में शराब पीने की पुष्टि होती है, तो तुरंत ₹10,000 का चालान बनता है।

  5. चालान कोर्ट में पेश किया जाता है और वहीं से जुर्माना भरना होता है।


शराब पीकर गाड़ी चलाना – सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह

एएसपी ऋचा मिश्रा ने बताया कि सड़क हादसों के पीछे सबसे बड़ा कारण शराब पीकर गाड़ी चलाना है। जब कोई व्यक्ति नशे में होता है तो उसका संतुलन और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे जानलेवा दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

इसलिए पुलिस का पूरा ध्यान इस बात पर है कि कोई भी व्यक्ति शराब पीकर वाहन न चलाए। खासतौर पर रात के समय, जब लोग पार्टियों या समारोहों से लौटते हैं, तब इस तरह की लापरवाही ज्यादा देखने को मिलती है।


लोगों से अपील – नियमों का पालन करें

एएसपी ऋचा मिश्रा ने दुर्ग जिले के सभी वाहन चालकों और वाहन मालिकों से एक अपील की है –

“कृपया शराब पीकर वाहन न चलाएं। यह आपके और दूसरों की जान के लिए खतरा बन सकता है। ट्रैफिक नियमों का पालन करें और दूसरों के लिए उदाहरण बनें।”


भविष्य की योजना और पुलिस की रणनीति

दुर्ग ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि यह अभियान सिर्फ कुछ दिनों के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय तक जारी रहेगा। उनका उद्देश्य सिर्फ चालान काटना नहीं है, बल्कि लोगों को जागरूक करना और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाना है।

पुलिस आने वाले समय में स्कूलों, कॉलेजों, और सार्वजनिक स्थानों पर ट्रैफिक अवेयरनेस कार्यक्रम भी चलाने की योजना बना रही है। ताकि लोगों को सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के बारे में सही जानकारी दी जा सके।


शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कानूनी सजा क्या है?

भारत में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगर कोई शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसे:

  • पहली बार पकड़े जाने पर – ₹10,000 का जुर्माना या 6 महीने की जेल या दोनों।

  • बार-बार अपराध करने पर – ₹15,000 तक जुर्माना और 2 साल की जेल हो सकती है।

इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है।


पुलिस कर रही है निगरानी और रिकॉर्डिंग

पुलिस ने बताया कि चेकिंग के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की शिकायत या विवाद की स्थिति में रिकॉर्ड मौजूद हो। इससे पारदर्शिता बनी रहती है और जनता में विश्वास भी बढ़ता है।


‍♂️ जनता की भागीदारी जरूरी

ट्रैफिक पुलिस ने जनता से यह भी अपील की है कि अगर उन्हें कोई शराब पीकर वाहन चलाता दिखे, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। यह एक समाज के जिम्मेदार नागरिक की भूमिका निभाने जैसा है।


✅ निष्कर्ष (Conclusion):

शराब पीकर गाड़ी चलाना सिर्फ एक नियम तोड़ना नहीं, बल्कि किसी की जिंदगी से खिलवाड़ करना है। दुर्ग पुलिस का यह अभियान न सिर्फ नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती दिखा रहा है, बल्कि समाज को जागरूक भी कर रहा है।

यदि हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और ट्रैफिक नियमों का पालन करे, तो सड़कें सुरक्षित बन सकती हैं।

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