कुश अग्रवाल-बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बलवा ड्रिल का पूर्वाभ्यास किया गया। यह अभ्यास बुधवार 30 अप्रैल को रक्षित केंद्र में पुलिस बल द्वारा किया गया। अभ्यास पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता के निर्देशन में संपन्न हुआ, जिसका उद्देश्य आकस्मिक परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए बल को तैयार करना था। इस अवसर पर विशेष रूप से गठित SWAT TEAM (Special Weapons And Tactics) का प्रदर्शन भी किया गया।
इस टीम का गठन जिले में किसी भी आपात स्थिति – जैसे दंगा, बंधक संकट, आतंकवाद या भीड़ नियंत्रण से त्वरित और प्रभावशाली कार्रवाई के लिए किया गया है। टीम में कुल 45 पुलिस अधिकारी और कर्मचारी शामिल किए गए हैं, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

10 जून की हिंसा के बाद महसूस हुई आवश्यकता
यह पहल विशेष रूप से 10 जून को बलौदाबाजार में हुई हिंसा और आगजनी की घटना के बाद अत्यधिक आवश्यक हो गई थी। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से SWAT TEAM का गठन लंबे समय से प्रस्तावित था, जिसे अब मूर्त रूप दिया गया है।
बलवा नियंत्रण की सभी प्रमुख इकाइयों का सजीव प्रदर्शन
बलवा ड्रिल पूर्वाभ्यास के दौरान अमृत कुजूर (उप पुलिस अधीक्षक, यातायात), और उषा ठाकुर (रक्षित निरीक्षक) के नेतृत्व में पुलिस बल को विभिन्न भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया गया। अभ्यास के दौरान बलवा नियंत्रण की सभी प्रमुख इकाइयों जैसे अश्रु गैस टीम, राइफल पार्टी, मेडिकल सहायता दल, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट आदि का सजीव प्रदर्शन कराया गया। इस अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार की आपात या हिंसात्मक स्थिति में पुलिस बल सजग, संगठित और दक्ष हो। साथ ही, ड्यूटी में तैनात प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को अपनी भूमिका और दायित्वों की स्पष्ट जानकारी हो, जिससे वह संकट की घड़ी में दक्षता से कार्य कर सके। यह ड्रिल न केवल पुलिस बल के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला कदम है, बल्कि जिले में आम नागरिकों के मन में सुरक्षा की भावना को भी मजबूत करता है।