भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी तेज कर दी गई है। शुक्रवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने राजधानी के प्रमुख सरकारी अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट्स के साथ एक आपात बैठक बुलाई। इस बैठक का उद्देश्य किसी भी संभावित आपातकालीन स्थिति से निपटने की रणनीति बनाना और अस्पतालों की तैयारियों का आकलन करना था। बैठक में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह भी उपस्थित रहे।
दवाइयों की आपूर्ति पूरी करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों। उन्होंने राजधानी के अस्पतालों में दवाओं की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की और इसे गंभीर समस्या करार देते हुए अधिकारियों को तत्काल समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का आदेश दिया। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दिल्ली के अस्पतालों में आरक्षित किए गए बेड
वहीं, राजधानी के प्रमुख सरकारी अस्पतालों ने भी आपदा प्रबंधन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। लोकनायक अस्पताल पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है। यहां 250 स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण दिया गया है ताकि किसी भी स्थिति से दक्षता से निपटा जा सके। अस्पताल में 70 बेड का विशेष वार्ड आरक्षित किया गया है जो आपातकाल के समय प्रयोग में लाया जाएगा।
32 एयरपोर्ट अस्थायी रूप से बंद
ऑपरेशनल कारणों से देश के 32 एयरपोर्ट 9 मई से 15 मई 2025 की सुबह तक अस्थायी रूप से बंद रहेंगे। इनमें अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर, जोधपुर, जैसलमेर, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़ सहित प्रमुख एयरबेस शामिल हैं। उधर, रक्षा सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान से तनाव के बीच एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 26 स्थानों पर संदिग्ध ड्रोन देखे गए हैं। इन ड्रोन के हथियारबंद होने का संदेह है और वे नागरिक व सैन्य ठिकानों को खतरे में डाल सकते हैं। प्रमुख प्रभावित स्थानों में बारामुल्ला, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, जैसलमेर, भुज शामिल हैं।