छत्तीसगढ़ के जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू, सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 9 लोगों के खिलाफ मंगलवार को 6000 पन्नों की चार्जशीट पेश की है।
आरोप है कि कलेक्टर ने 75 करोड़ रुपए का कमीशन लेकर डीएमएफ से काम बांटे हैं। यह कमीशन नीचे से ऊपर तक सबको गया। कमीशन में मिले पैसों को रिश्तेदारों के नाम से निवेश किया गया। इससे जमीन की भी खरीदी गई है। ईओडब्ल्यू ने राज्य के 9 कारोबारियों, ठेकेदारों समेत अन्य लोगों को भी आरोपी व संदेही बनाया गया है। इनकी भूमिका की जांच की जा रही है। जल्द ही इन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा। अफसरों के अनुसार इस पूरे मामले में दो और आईएएस अफसरों की भूमिका की जांच की जा रही है।
सूर्या, सौम्या, रानू ने बनाया सिंडिकेट 2021-2022 में 361.72 करोड़ और 2022-2023 में 247.41 करोड़ रुपए कोरबा को डीएमएफ में मिले थे। जिसे खर्च किया गया। डीएमएफ के पैसे में हेरफेर के लिए सूर्यकांत, सौम्या और रानू ने सिंडिकेट बनाया। तीनों ने मिलकर माया वॉरियर की पोस्टिंग कराई। संयुक्त कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर को नोडल अधिकारी बनाया। उसके बाद खुद की पसंद के ठेकेदारों व एनजीओ को बुलाकर काम दिया गया।
40 प्रतिशत कमीशन पर मिलता था ठेका ईओडब्ल्यू की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि डीएमएफ के तहत काम लेने के लिए ठेकेदारों को पहले 40 प्रतिशत कमीशन देना होता था। पैसा मिलने के बाद ही वर्कऑर्डर जारी होता था। इसमें जनपद सीईओ का 2-3 प्रतिशत का कमीशन फिक्स था। कमीशन का पैसा नीचे से ऊपर तक जाता था। सबसे ऊपर सीएम की उपसचिव सौम्या को पैसा पहुंचाया जाता। जांच के दौरान मिली डायरी में इसका उल्लेख है। गवाहों के बयान में भी यह बात सामने आई है।
इन विभागों में बजट देकर किया गया घोटाला
- आदिवासी विकास विभाग कोरबा काे 29.86 करोड़ रु.।
- खेल एंव युवा कल्याण विभाग को 27.62 करोड़ रु.।
- समग्र शिक्षा विभाग कोरबा को 72.26 करोड़ रुपए।
- महिला एंव बाल विकास विभाग 119. 39 करोड़ रु.।
- जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा को 110.14 करोड़ रु.।
- जनपद पंचायत पाली को 146.13 करोड़ रुपए।
- जनपद पंचायत करतला को 16.8 करोड़ रुपए।
- जनपद पंचायत कोरबा को 15.24 करोड़ रुपए।
- ठेकेदार संजय शेडे को 114.24 करोड़।
– ठेकेदार ऋषभ सोनी को 54.87 करोड़ – ठेकेदार राकेश शुक्ला को 29.58 करोड़ – ठेकेदार मनोज द्विवेदी को 19.11 करोड़ – ठेकेदार मुकेश अग्रवाल को 50.21 करोड़ – ठेकेदार अशोक अग्रवाल को 29.98 करोड़ – ठेकेदार शेंड्रे मन्नुभाई पटेल को 10 करोड़
घोटाले में जेल में बंद हैं ये अधिकारी और ठेकेदार कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, तत्कालीन कोरबा कलेक्टर रानू साहू, तत्कालीन उप सचिव सीएम सौम्या चौरसिया, संयुक्त कलेक्टर कोरबा भरोसा राम ठाकुर, तत्कालीन सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग माया वॉरियर, तत्कालीन सीईओ पोड़ी जनपद पंचायत भुवनेश्वर सिंह राज, तत्कालीन सीईओ पाली-कटघोरा जनपद पंचायत वीरेंद्र राठौर, तत्कालीन सीईओ जनपद पंचायत कोरबा राधेश्याम,उदगम सेवा समिति एनजीओ के मनोज द्विवेदी जेल में बंद हैं।