दुर्ग जिले के सुपेला थाना क्षेत्र में शुक्रवार 6 जून को सुबह लगभग 10:30 बजे एक चप्पल दुकान में भीषण आग लग गई। यह हादसा इतना खतरनाक था कि आग की लपटें और धुआं दूर-दूर तक नजर आ रहे थे। आसपास के लोग घबरा गए और मौके पर बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई।
कैसे लगी आग?
दुकान के मालिक खेमराज चौहान ने बताया कि वह अपनी दुकान में मरम्मत का काम करवा रहे थे। दुकान के सामने वेल्डिंग का कार्य चल रहा था।
इसी दौरान एक चिंगारी उछलकर दुकान के अंदर रखे सामान पर जा गिरी, और धीरे-धीरे आग ने विकराल रूप ले लिया। दुकान में चप्पल, रबर और अन्य ज्वलनशील सामान भरा हुआ था, जिससे आग तेजी से फैली।
लोगों में मची अफरा-तफरी
जैसे ही आग की लपटें ऊपर उठीं, आसपास के लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोगों ने फायर ब्रिगेड को कॉल किया।
घटना की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। घनी बस्ती होने के कारण यह डर था कि अगर समय पर आग न बुझी, तो अन्य दुकानों और मकानों को भी नुकसान हो सकता है।
बहादुरी से बुझाई गई आग
फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और तुरंत आग बुझाने का काम शुरू किया गया।
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फायरमैन प्रवीण ने बताया कि टीम ने पूरी सतर्कता और सावधानी से काम किया।
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आग की भयावहता को देखते हुए टीम ने तेजी से पानी की बौछारें कीं और आसपास के लोगों को दूर किया गया।
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करीब 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया गया।
महिला और बच्चा अंदर फंसे थे
सबसे डरावनी बात यह थी कि आग लगने के समय दुकान के अंदर एक महिला और उसका छोटा बच्चा फंसे हुए थे।
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मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बिना देरी किए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
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धुएं और गर्मी के बीच बहादुरी दिखाते हुए दोनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
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समय पर रेस्क्यू होने से एक बड़ा हादसा टल गया।
दुकान जलकर राख, 3.5 लाख का नुकसान
दुकान के मालिक खेमराज चौहान ने बताया कि –
“यह दुकान ही मेरी एकमात्र आमदनी का जरिया थी। इसमें सभी माल, रैक, कैश और उपकरण जलकर खाक हो गए।
लगभग 3.5 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। अब समझ नहीं आ रहा कि कैसे शुरुआत करूं।”
खेमराज की पीड़ा देखकर कई लोग भावुक हो गए। घटना के बाद क्षेत्र के व्यापारी संघ ने मदद की बात कही है।
अगली दुकानों तक आग पहुंचने से रोकी गई
चप्पल दुकान के अगल-बगल भी कई दुकानें थीं। अगर समय पर आग पर काबू नहीं पाया जाता, तो यह पूरी लाइन जल सकती थी।
फायर ब्रिगेड और पुलिस की तत्परता और योजना बद्ध कार्यवाही से आग को फैलने से रोक लिया गया, जिससे एक बड़ी त्रासदी टल गई।
️ रहवासी क्षेत्र में चिंता का माहौल
सुपेला इलाका घनी आबादी वाला है। वहां छोटे-छोटे घर, दुकानों और गोदामों की भरमार है।
आग की घटना के बाद स्थानीय लोगों में डर और चिंता का माहौल है।
कई लोगों ने नगर निगम से यह मांग की है कि –
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ऐसे वेल्डिंग कार्यों को नियंत्रित किया जाए
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घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सेफ्टी उपाय सुनिश्चित हों
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फायर सेफ्टी के अलार्म और उपकरण अनिवार्य किए जाएं
प्रशासन और नगर निगम से मांग
स्थानीय व्यापारियों और रहवासियों ने मांग की है कि –
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खेमराज चौहान को मुआवजा दिया जाए
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उनकी दुकान के पुनर्निर्माण में प्रशासन मदद करे
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आगजनी जैसे मामलों से बचाव के लिए सेफ्टी ट्रेनिंग और जागरूकता अभियान चलाए जाएं
फायर ब्रिगेड की सतर्कता से बची जान-माल
अगर इस घटना में फायर ब्रिगेड टीम समय पर नहीं पहुंचती, तो शायद कई और दुकानों में आग फैल जाती और जान-माल की हानि होती।
उनकी साहसिक कार्रवाई और रणनीतिक काम की स्थानीय लोगों ने प्रशंसा की है।