हाउसिंग बोर्ड को खरीददार का इंतजार: शहरों से दूर बने मकान 30 फीसदी छूट के बाद भी नहीं बिके, 17 सौ मकान पड़े हैं खाली

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छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के करीब डेढ़ दर्जन जिलों में करीब तीन हजार मकान की बिक्री न होने के कारण प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 10 से 30 फीसदी तक छूट देने का फैसला किया। इसके बाद भी अब तक 50 फीसदी मकान नहीं बिक सके हैं। मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव के मुताबिक 29 सौ में से अभी 17 सौ मकान खाली हैं, इनको लगातार बेचने का प्रयास हो रहा है। आने वाले समय में हर जिले में मकान बनाने की योजना तैयार कर रहे हैं। इस बार ब्लाक स्तर पर भी मकान बनाए जाएंगे। दीपावली के समय नई योजनाएं लांच करने की तैयारी है।

गृह निर्माण मंडल ने भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में 19 जिलों में जो मकानों की योजनाएं लाने का काम किया था, उन योजनाओं में से करीब 500 करोड़ के तीन हजार मकान बीते सात साल से बिक ही नहीं रहे हैं। इसकी जानकारी प्रदेश की विष्णुदेव साय सरकार को होने पर इस सरकार ने इन मकानों को बेचने के लिए 10 से 30 फीसदी तक छूट का प्रावधान करके इसको कैबिनेट में मंजूर किया। इसके बाद अब छूट देनेका विज्ञापन करके मकान बेचे जा रहे हैं।आवासीय संपत्तियों में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी आवास शामिल हैं। इसकी कीमत तीन लाख से लेकर एक करोड़ से ज्यादा भी है। शहर से दूर आउटर इलाकों में बने मकानों को लोग पहुंच के साधन और अन्य कारणों से नहीं खरीदते। पहले भी छूट देकर बेचने का प्रयास किया गया था, लेकिन तब भी ये नहीं बिके। अब कुछ फायदा हो रहा है और मकान बिक रहे हैं। लेकिन सभी मकानों का बिक पाना आसान नहीं है।

अब 17 सौ ही खाली
गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष अनुराग सिंहदेव ने बताया कि, करीब 29 सौ मकान के लिए 10 से 30 फीसदी की छूट देने के बाद अब तक जहां नौ सौ मकान बिक गए हैं, वहीं करीब तीन सौ की बुकिंग हो गई है। इस समय की स्थिति में 17 सौ मकान ही खाली बचे हैं।

नया रायपुर में नहीं मिल रहे लेवाल
नया रायपुर के जिन सेक्टरों में मंडल ने मकान बनाए हैं, उनको खरीदने वाले नहीं मिल रहे हैं। नया रायपुर में बसाहट न होने के कारण वहां मकान लेने में लोगों की रुचि नहीं है। मंडल की वेबसाइट के मुताबिक नया रायपुर के सेक्टर 29 में 154 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 11 लाख से एक करोड़ तक है। इसको कोई नहीं खरीद रहा है। इसी तरह से नया रायपुर के सेक्टर 27 में 67 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 12.26 लाख से चार करोड़ तक है। सेक्टर 12 में 525 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 16.76 लाख से 85.47 लाख है। बोरियाकला के मकान तो खंडहर हो गए हैं। यहां पर तीन सौ से ज्यादा मकान खाली हैं। इनकी कीमत 17.23 लाख से 22.93 लाख है। इसी तरह से सेजबहार, सड्ड में दुकानें खाली पड़ी हैं। बोरियाकला में भी 29 दुकानें खाली हैं। इनकी कीमत 5.70 लाख से 25.40 लाख रुपए है।

अटल आवास भी नहीं बिक रहे
मंडल ने प्रदेश भर के कई शहरों में अटल आवास बनाने का काम किया है, लेकिन कम कीमत वाले ये मकान भी नहीं बिक रहे हैं। मंडल की वेबसाइट के मुताबिक बीजापुर में 143 अटल आवास खाली हैं। इनकी कीमत 8.97 लाख से 24 लाख है। इसी तरह से धमतरी में 88 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 7.72 लाख से 27.45 लाख है। नवापारा में 122 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 7.41 लाख से 31.05 लाख है। राजिम में 53 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 7.91 लाख से 29.52 लाख है। बालोद में 118 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 7.27 लाख से 25.71 लाख है। बालोद के सिवनी में 45 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 5.41 लाख से 32.90 लाख है। भानुप्रतापपुर में 60 मकान खाली हैं। इनकी कीमत 6.75 लाख से 6.86 लाख है।

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