5 लाख का सामान 15 लाख में खरीदा:देवभोग नगर पंचायत में बड़ी अनियमितता, CMO ने जेम पोर्टल से किया भुगतान; जांच में पुष्टि

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छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग नगर पंचायत में सामग्री खरीदी में बड़ी अनियमितता सामने आई है। नगर पंचायत के प्रभारी सीएमओ संतोष स्वर्णकार ने रिटायरमेंट से पहले जेम पोर्टल के माध्यम से की गई खरीदी में नियमों की अनदेखी की।इस बात की जानकारी लगते ही 19 जून को जब जेडी लोकेश्वर साहु नगर पंचायत पहुंचे थे, लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को भनक नहीं लगने दिए कि वे किसी खरीदी की जांच में आए हैं।

शासन ने अप्रैल में नगर पंचायत को जरूरी सामग्री खरीदने के लिए 50 लाख रुपए की मंजूरी दी थी। मई महीने में प्रभारी CMO ने बाजार में 5 लाख रुपए में मिलने वाली सामग्री को जेम पोर्टल से 15.73 लाख रुपए में खरीद लिया। इस खरीदी का 12 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया गया।

JD की जांच में मिले घटिया सामान

कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सोनी ने 17 जून को संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग में शिकायत दर्ज कराई। ज्वाइंट डायरेक्टर लोकेश्वर साहू ने 18 जून को देवभोग का दौरा किया और जांच की। जांच में पाया गया कि सामग्री खरीदने से पहले पीआईसी की अनुमति नहीं ली गई। साथ ही घटिया सामान की खरीदी की गई।

लोकेश्वर साहू ने जांच में आर्थिक अनियमितता की पुष्टि की है। उन्होंने संचालक के माध्यम से शासन को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज दी है। बता दें कि देवभोग नगर पंचायत की स्थापना महज 6 महीने पहले हुई थी और यह पहली खरीदी में ही विवादों में आ गई।

बाजार में पांच से 6 लाख में मिल जाते है सामान

वोल्टास के दो ऐसी को छोड़ खरीदी किए गए सारे समान सेमी ब्रांड के है। इंटेक्स के दो और वोल्टास के दो ऐसी जिसकी बाजार में कीमत प्रति ऐसी 35 से 40 हजार होती उसे 84 हजार में खरीदा गया। डेढ़ से 5 एचपी के 5 मोटर पम्प के लिए 3 लाख से ज्यादा का भुगतान किया गया। जबकि यही पांच 1 लाख रुपए के अंदर मिलते है।

63 हजार की फोटो कोपी मशीन के लिए 3 लाख से ज्यादा का भुगतान हुआ। डस्टबिन,सोलर लाइट, इनवर्टर, आलमीरा की खरीदी 3 से पांच गुना ज्यादा कीमत पर किया गया।

नगर पंचायत अध्यक्ष ने लिखित में दिया पत्र

नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश तिवारी ने बताया कि इस खरीदी की भनक लगने नहीं दिया गया। जेम पोर्टल से जब 4 से 5 गुना ज्यादा दर पर अमानक और सेमी ब्रांड सामाग्री की खरीदी हो रही थी तो मैने आगे की खरीदी में रोक लगाने लिखित पत्र दिया, आगे और 20 लाख की खरीदी की योजना बनाई गई थी।

नपा अध्यक्ष राजेश तिवारी ने कहा कि पूरी खरीदी प्रकिया में गलत केवल पीआईसी का अनुमोदन नहीं लेना था। अगर जेम पोर्टल के दर को सीएमओ के पटल पर रखा जाता तो बाध्य होकर हम अनुमोदन भी कर देते।

CMO के रिटायरमेंट से पहले अनियमितता

नपा अध्यक्ष के मुताबिक , चूंकि सीएमओ का कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा था ऐसे में 17 मई को 15.50 लाख की खरीदी में जेम बिट से अधिकृत तनुष्का इंटरप्राइजेस को चेक से 12 लाख 37 हजार 499 का भुगतान कर दिया गया था। 84 हजार के दर से 4 ऐसी का 3.36 लाख का भुगतान बाकी था।

जिस जेम पोर्टल को खरीदी में पारदर्शिता के लिए लागू किया गया है, उसमें मानक हीन, सेमी ब्रांड सामग्रियों की सूची शामिल है। जिनका दर बाजार में मिलने वाले ब्रांडेड सामग्री से कई गुना ज्यादा है। नपा अध्यक्ष ने जेम पोर्टल की भ्रष्टाचार का हार्डडिस्क करार दिया है साथ ही कहा कि इस पोर्टल की समीक्षा की जाने की आवश्यकता है।

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