भोपाल। एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने चिकित्सा विज्ञान का एक और कीर्तिमान स्थापित करते हुए एक 65 वर्षीय महिला की जान बचाई, जो थायरॉयड ग्रंथि की अत्यधिक सूजन (विशाल गॉइटर) से गंभीर रूप से पीड़ित थीं। लंबे समय से इस बीमारी से जूझ रही महिला की हालत हाल के दिनों में इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें ठीक से सांस लेना और बोलना तक मुश्किल हो गया था।
हालात बिगड़ते देख परिजन महिला को एम्स भोपाल लेकर पहुंचे, जहां जनरल सर्जरी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तुरंत ऑपरेशन का निर्णय लिया। डॉक्टरों ने सूजी हुई थायरॉयड ग्रंथि को सफलतापूर्वक निकाल कर महिला को नया जीवनदान दिया।
सर्जरी थी बेहद जटिल
इस ऑपरेशन की खास बात यह थी कि थायरॉयड ग्रंथि इतनी बढ़ चुकी थी कि वह श्वासनली (ट्रैकिया) पर दबाव बना रही थी। जरा सी चूक भी जानलेवा हो सकती थी। लेकिन डॉक्टरों की कुशल टीम ने पूरी सावधानी और विशेषज्ञता के साथ यह जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की।
अब महिला पूरी तरह स्वस्थ
ऑपरेशन के कुछ दिनों बाद ही महिला की हालत में उल्लेखनीय सुधार देखा गया और अब वह सामान्य रूप से सांस ले पा रही हैं। उनकी आवाज और निगलने की क्षमता भी धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। परिजनों ने एम्स भोपाल की टीम का आभार जताया और इसे “दूसरा जन्म” बताया।
डॉक्टरों की चेतावनी: थायरॉयड की अनदेखी न करें
डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि थायरॉयड ग्रंथि में सूजन, गले में गांठ, सांस लेने या बोलने में परेशानी जैसे लक्षणों को हल्के में न लें। समय रहते जांच और इलाज कराने से जटिल स्थितियों से बचा जा सकता है।
एम्स भोपाल ने इस सर्जरी के जरिए एक बार फिर साबित किया है कि यह संस्थान न केवल गंभीर बीमारियों के इलाज में अग्रणी है, बल्कि मानव सेवा के अपने संकल्प पर भी पूरी तरह खरा उतर रहा है।