छात्रा से छेड़छाड़ पर कलेक्टर की कड़ी कार्रवाई: स्कूल की मान्यता रद्द, 4 अन्य संस्थानों को नोटिस

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बलौदाबाजार | सुहेला
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में एक नाबालिग छात्रा के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद प्रशासन ने तत्काल सख्त कदम उठाए हैं। सुहेला स्थित शाश्वत लिटिल स्टार स्कूल की मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है। साथ ही संस्था से जुड़े चार अन्य निजी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

इस कार्रवाई के पीछे जिले के कलेक्टर दीपक सोनी की अध्यक्षता में गठित जांच समिति की रिपोर्ट है, जिसमें स्कूल प्रबंधन की गंभीर लापरवाहियाँ और कानूनी अनियमितताएँ उजागर हुई हैं।


क्या है पूरा मामला?

घटना की शुरुआत 9 जून को हुई थी, जब शांति देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सुहेला में एक नाबालिग छात्रा के साथ शिक्षक द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत सामने आई।
इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया, बल्कि जिला प्रशासन को भी तुरंत हरकत में ला दिया।

कलेक्टर के आदेश पर एक छह सदस्यीय जांच समिति गठित की गई, जिसने संबंधित संस्थान — स्व. डीआर वर्मा स्मृति शिक्षण संस्थान, झीपन — द्वारा संचालित कुल पाँच स्कूलों की गहन जांच की।


जांच में क्या-क्या सामने आया?

  • स्कूल संचालन में गंभीर अनियमितताएं

  • योग्य शिक्षकों की भारी कमी

  • शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के उल्लंघन

  • बुनियादी संसाधनों का घोर अभाव

  • छात्र सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम नदारद


मान्यता रद्द, प्रवेश निषेध

जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर दीपक सोनी ने:

  • शाश्वत लिटिल स्टार स्कूल, सुहेला की मान्यता तत्काल रद्द कर दी।

  • आरोपी शिक्षक शैलेष वर्मा के विद्यालय परिसर में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया।

  • स्कूल प्राचार्य और संचालक को एक सप्ताह में स्कूल परिसर से बाहर स्थानांतरित होने का निर्देश।

  • साथ ही 15 दिनों के भीतर न्यूनतम योग्य प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति का आदेश भी जारी किया गया।


⚠️ चार अन्य स्कूलों को नोटिस

निम्नलिखित स्कूलों को भी गंभीर कमियों के कारण नोटिस जारी किया गया है:

  1. शांति देवी लिटिल स्टार स्कूल, सुहेला

  2. शांति देवी स्कूल, रावन

  3. शांति देवी स्कूल, दतान

  4. शांति देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सुहेला

इन संस्थानों को चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित अवधि में शैक्षणिक मानकों, शिक्षक उपलब्धता और सुरक्षा संबंधी न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया गया, तो उनकी भी मान्यता समाप्त की जा सकती है।


कलेक्टर का सख्त संदेश

कलेक्टर दीपक सोनी ने स्पष्ट किया:

“बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। जिले के सभी निजी शैक्षणिक संस्थानों को निर्धारित मानकों का पालन करना ही होगा।”

उनकी इस सख्त कार्रवाई से पूरे जिले के निजी स्कूलों में हड़कंप मच गया है। अब अन्य शिक्षण संस्थानों पर भी प्रशासन की निगरानी बढ़ाई जा रही है।


महत्वपूर्ण संकेत: एक मजबूत उदाहरण

बलौदाबाजार में हुआ यह निर्णय बाल सुरक्षा, निजी स्कूलों की जवाबदेही, और शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर एक मजबूत उदाहरण पेश करता है।
यह प्रशासनिक इच्छाशक्ति और संवेदनशील मामलों में तत्परता का प्रतीक भी बन सकता है।


निष्कर्ष:

यह घटना केवल एक स्कूल की लापरवाही नहीं, बल्कि पूरा शिक्षा तंत्र झकझोर देने वाला मामला है।
अब ज़रूरत है कि सभी स्कूल प्रबंधन अपनी ज़िम्मेदारी समझें, बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और शिक्षा के अधिकार अधिनियम का पूर्ण पालन करें।

“शिक्षा सिर्फ डिग्री नहीं, सुरक्षा और संस्कार की भी जिम्मेदारी है।”

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