रायपुर | संवाददाता
राजधानी रायपुर में सोमवार सुबह रिंग रोड नंबर-1 पर स्थित मेन वाटर सप्लाई पाइप अचानक फट गया, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। तेज दबाव से बहते पानी ने कुछ ही पलों में सड़क को झील में तब्दील कर दिया।
यातायात पर असर, पानी सप्लाई भी बाधित
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पाइप लाइन फटने से आधे घंटे तक लाखों लीटर पानी सड़क पर बह गया।
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रिंग रोड पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया, जिससे ऑफिस टाइम पर लोग परेशान होते देखे गए।
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हादसे की गंभीरता को देखते हुए पानी आपूर्ति विभाग और नगर निगम की टीमें मौके पर पहुंची और लीकेज बंद करने के प्रयास शुरू किए।
इन क्षेत्रों की जल आपूर्ति पर पड़ेगा असर
पाइप फटने के कारण रिंग रोड से लगे पंडरी, डीडी नगर, तेलीबांधा, शंकर नगर और अवंति विहार जैसे इलाकों में जल संकट की आशंका है।
अगर समय पर मरम्मत नहीं हुई, तो अगले 24 घंटे में जल आपूर्ति पूरी तरह से बाधित हो सकती है।
️ “पाइप फटने के कारण पानी की भारी बर्बादी हुई है। फिलहाल लीकेज को बंद करने का कार्य जारी है।” – जल संसाधन विभाग अधिकारी
♻️ रायपुर में अब कचरे से कमाई: बनेगा 100 करोड़ का बायोगैस प्लांट, रोज 150 टन कचरे से बनेगी गैस
रायपुर को मिलेगा देश का पहला ‘कचरा-से-कमाई’ मॉडल
रायपुर नगर निगम, छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण (CBDA) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के बीच 100 करोड़ रुपये के बायोगैस संयंत्र के लिए त्रिपक्षीय समझौता हुआ है।
यह प्लांट रायपुर के रावांभाठा क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा और प्रतिदिन 150 मीट्रिक टन सूखे कचरे से कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) का उत्पादन करेगा।
✅ प्रोजेक्ट की खास बातें:
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☑️ 100 करोड़ रुपये का निवेश
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☑️ रोज़ाना 150 टन कचरे का प्रयोग
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☑️ जैविक खाद का सह-उत्पादन
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☑️ ग्रीन हाउस गैसों में कमी
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☑️ 30,000 मानव दिवस/वर्ष रोजगार सृजन
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☑️ 1 करोड़ रुपये का सालाना GST राजस्व
जैविक खेती को भी मिलेगा बढ़ावा
इस प्लांट से बनने वाली जैविक खाद को स्थानीय किसानों को वितरित किया जाएगा, जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटेगी और जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा।
️ “यह सिर्फ एक प्लांट नहीं, रायपुर को ‘ग्रीन सिटी’ बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।” – कलेक्टर गौरव कुमार सिंह
♂️ रोजगार और आमदनी दोनों
बायोगैस प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से:
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30,000 मानव दिवस प्रति वर्ष रोजगार मिलेगा
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और सरकार को करीब 1 करोड़ रुपये सालाना का GST प्राप्त होगा।
कौन-कौन रहे मौजूद
इस ऐतिहासिक अनुबंध पर हस्ताक्षर के दौरान मौजूद थे:
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नगर निगम आयुक्त विश्वदीप
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CBDA के CEO सुमित सरकार
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BPCL बायोफ्यूल हेड अनिल कुमार पी.
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अपर आयुक्त राजेन्द्र कुमार गुप्ता
निष्कर्ष:
एक ओर राजधानी रायपुर में जल आपूर्ति संकट और अव्यवस्थाएं अब भी चुनौती बनी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर हर दिन निकलने वाले कचरे से ऊर्जा और रोज़गार उत्पन्न करने की दिशा में राज्य एक मिसाल बनने जा रहा है।
✅ अब वक्त है संसाधनों की बर्बादी रोककर, हर गिरावट को अवसर में बदलने का… और रायपुर इस दिशा में आगे बढ़