नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में 18 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज कर पूरे देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि राज्य की आर्थिक प्रगति, सरल कर प्रणाली, और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में लागू किए गए सुशासन और जीएसटी सुधारों का प्रत्यक्ष परिणाम है।
राज्य की इस उत्कृष्ट उपलब्धि को देखते हुए केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओ.पी. चौधरी को जीएसटी राजस्व वृद्धि और सुधारों से संबंधित चार महत्वपूर्ण विशेष समूहों में शामिल किया है।
विशेष समूह की बैठक में छत्तीसगढ़ का प्रभावशाली प्रतिनिधित्व
शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित मंत्रियों के विशेष समूह की बैठक में गोवा के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। इस बैठक में वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य द्वारा किए गए कर सुधारों, राजस्व वृद्धि, और व्यापारी हितैषी नीतियों को विस्तार से प्रस्तुत किया।
बैठक में जीएसटी राजस्व विश्लेषण, आर्थिक कारकों का प्रभाव, कर लीकेज को रोकने के उपाय, और नीतिगत सुधारों पर विचार-विमर्श हुआ।
छत्तीसगढ़ में जीएसटी सुधारों से व्यापारियों को राहत, राजस्व में बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने जीएसटी प्रणाली को पारदर्शी, प्रभावी और व्यापारी-अनुकूल बनाने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं:
ई-वे बिल की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है, जिससे लगभग 15% ई-वे बिल जनरेशन की आवश्यकता समाप्त हो गई।
10 वर्ष से अधिक पुराने ₹25,000 से कम की देनदारी वाले सभी मामलों को समाप्त किया गया, जिससे 65,000 प्रकरणों का निपटारा हुआ और 40,000 से अधिक व्यापारियों को राहत मिली।
इस पहल से व्यापारियों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर और कानूनी झंझटों से मुक्ति मिली।
“ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस सेल” की स्थापना की गई है, जो व्यापारिक गतिविधियों को सरल और सुगम बनाने में मदद कर रही है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ की यह उपलब्धि न केवल राज्य की मजबूत वित्तीय नीतियों और कुशल प्रशासन का प्रमाण है, बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल भी बन रही है। केंद्र सरकार की सराहना और विशेष समूह में प्रतिनिधित्व राज्य के लिए गर्व का विषय है।