रायपुर/बीजापुर।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने एक 8 लाख रुपये के इनामी माओवादी डिप्टी कमांडर सोढ़ी कन्ना को मुठभेड़ में मार गिराया। यह कार्रवाई बस्तर के बीजापुर इलाके में की गई, जहां लंबे समय से PLGA (People’s Liberation Guerrilla Army) बटालियन के इस शीर्ष नक्सली की गतिविधियां सक्रिय थीं।
नक्सली संगठन को लगा बड़ा झटका:
सोढ़ी कन्ना माओवादी संगठन के रणनीतिक अभियानों और हिंसक वारदातों में शामिल रहा है। वह सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी चुनौती और स्थायी खतरा बना हुआ था। इसके खिलाफ कई वारंट जारी थे और वर्षों से इसकी तलाश चल रही थी।
सीएम विष्णुदेव साय ने दी बधाई, बोले- यह निर्णायक पल है:
नक्सली डिप्टी कमांडर के मारे जाने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षाबलों को बधाई देते हुए कहा कि,
“यह कार्रवाई हमारे वीर सुरक्षाबलों के अदम्य साहस, सटीक रणनीति और जनसहयोग का परिणाम है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलमुक्त करने का लक्ष्य अब अपने निर्णायक चरण में पहुंच चुका है।”
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सुरक्षाबलों के मनोबल को दी सराहना:
मुख्यमंत्री साय ने सुरक्षाबलों की लगातार चल रही सघन और निर्णायक अभियानों की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पूरी प्रतिबद्धता और रणनीति के साथ नक्सलवाद के खिलाफ युद्ध लड़ रही है।
उन्होंने कहा—
“आज नक्सल संगठन की रीढ़ टूट चुकी है, उनके नेटवर्क छिन्न-भिन्न हो चुके हैं, और नक्सलवाद अब अंतिम सांसें गिन रहा है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के हर कोने में लोकतंत्र, विकास और विश्वास की जीत होगी।”
जनसहभागिता और विश्वास की जीत:
मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई केवल सुरक्षा बलों की नहीं, बल्कि जनता के सहयोग और विश्वास की भी लड़ाई है। हालिया सफलता दर्शाती है कि अब बस्तर की जनता भी आतंक के खिलाफ एकजुट होकर लोकतंत्र के साथ खड़ी है।
निष्कर्ष:
बीजापुर में 8 लाख के इनामी नक्सली सोढ़ी कन्ना का मारा जाना छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन की दिशा में एक अहम मील का पत्थर है। यह घटना न सिर्फ सुरक्षाबलों के शौर्य का प्रतीक है, बल्कि सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और बस्तर की जनता की जागरूकता का भी उदाहरण है।
अब राज्य “नक्सलवाद नहीं, विकासवाद” की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहा है — और इस रास्ते में प्रत्येक बलिदान, प्रत्येक कार्रवाई, और प्रत्येक नागरिक का योगदान ऐतिहासिक महत्व रखता है।