रायपुर, 9 जुलाई 2025:
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सरगुजा जिले के मैनपाट में भगवान बुद्ध की भव्य प्रतिमा का अनावरण करते हुए प्रदेश में बौद्ध परंपरा की गहरी जड़ों को श्रद्धा और गौरव से याद किया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के करुणा, प्रेम और शांति के सिद्धांत आज के समय में और भी प्रासंगिक हैं, और छत्तीसगढ़ सरकार इन्हीं मूल्यों के साथ राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रही है।
मुख्यमंत्री ने भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर प्रदेशवासियों के लिए शांति, समृद्धि और सौहार्द की कामना की। इस ऐतिहासिक अवसर पर तिब्बती समुदाय द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाजों से किए गए आत्मीय स्वागत ने मुख्यमंत्री को गहराई से प्रभावित किया।
बौद्ध परंपरा: छत्तीसगढ़ की समावेशी संस्कृति की पहचान
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ में बौद्ध, जैन और सनातन परंपराएं एक साथ पल्लवित-पुष्पित होती रही हैं। सिरपुर जैसे ऐतिहासिक स्थल इसका प्रमाण हैं, जहां बौद्ध संस्कृति के समृद्ध अवशेष आज भी विद्यमान हैं। यह राज्य की समावेशी संस्कृति का जीवंत उदाहरण है।
दलाई लामा जी का वैश्विक प्रभाव
मुख्यमंत्री ने दलाई लामा जी के 90वें जन्मदिवस का उल्लेख करते हुए उन्हें भगवान बुद्ध के सिद्धांतों का सजीव रूप बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सहित विश्व के अनेक नेताओं ने दलाई लामा को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि बुद्ध विचारधारा आज भी वैश्विक स्तर पर प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
मैनपाट में पर्यटन और विकास को मिलेगा बल
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैनपाट का प्राकृतिक सौंदर्य, तिब्बती संस्कृति और बौद्ध परंपरा इसे पर्यटन के लिए अत्यंत उपयुक्त बनाते हैं। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार की नवीन औद्योगिक नीति में पर्यटन को विशेष प्राथमिकता दी गई है। मैनपाट जैसे क्षेत्रों में होम स्टे सुविधा शुरू करने वालों को सरकार द्वारा विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
30 लाख रुपए के विकास कार्यों की घोषणा
तिब्बती सहकारी समिति की मांग पर मुख्यमंत्री ने दो महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
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सैला रिसॉर्ट से बौद्ध मंदिर तक सीसी रोड निर्माण के लिए 10 लाख रुपए
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प्राचीन बौद्ध मंदिर परिसर में शेड निर्माण के लिए 20 लाख रुपए
इन घोषणाओं से न केवल स्थानीय सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि बौद्ध स्थलों का संरक्षण और संवर्धन भी होगा।
पौधरोपण और सांस्कृतिक स्वागत से कार्यक्रम बना विशेष
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। तिब्बती समुदाय द्वारा पारंपरिक वेशभूषा, संगीत और संस्कारों से किया गया स्वागत भावनात्मक और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक था। लोगों ने हाथों में तिरंगा लेकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया, जिससे माहौल उत्साह और उल्लास से भर गया।
विशिष्ट उपस्थिति:
इस भव्य कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
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सरगुजा सांसद श्री चिंतामणि महाराज
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सीतापुर विधायक श्री रामकुमार टोप्पो
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कलेक्टर श्री विलास भोसकर
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सेटलमेंट अधिकारी सुश्री स्वांग यांग्सो
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तिब्बती सहकारी समिति के अध्यक्ष श्री तामदिंग सेरिंग
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मठ प्रमुख लामा दुब्जे और लामा जिनपा
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तिब्बती समुदाय के बड़ी संख्या में सदस्य
निष्कर्ष:
भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अनावरण केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की समावेशी विरासत, बौद्ध परंपरा के सम्मान और आधुनिक विकास की सोच का सशक्त प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री साय की घोषणाएं और सहभागिता ने यह स्पष्ट कर दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार धर्म, संस्कृति और पर्यटन को साथ लेकर चलने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।