“जब घर न ससुराल, तो बार-बार विदेश क्यों जाते हैं राहुल?” — खड़गे पर केदार कश्यप का तीखा पलटवार

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर छत्तीसगढ़ के वन मंत्री केदार कश्यप ने तीखा पलटवार करते हुए कांग्रेस को “स्तरहीन राजनीति का पर्याय” बताया है। उन्होंने कहा कि “शेर की दहाड़ से सियार भागते हैं, सियारों के चिल्लाने से शेर नहीं डरते।” यह टिप्पणी उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बार-बार छत्तीसगढ़ आने पर खड़गे की आलोचना के जवाब में दी।


“शाह नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, कांग्रेस को तकलीफ क्यों?”

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक निर्भीक और प्रतिबद्ध नेता हैं जो छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त कराने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों की समीक्षा और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए उनका प्रदेश आना स्वाभाविक है।

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि “खड़गे को शाह के दौरे से इतनी तकलीफ क्यों हो रही है? क्या छत्तीसगढ़ की सुरक्षा और विकास उन्हें अखर रहा है?


“नक्सलियों से भाईचारा निभा रही कांग्रेस?”

कश्यप ने कांग्रेस नेताओं की बस्तर और नक्सल मुद्दों पर की गई पिछली बयानबाजियों की ओर इशारा करते हुए कहा, “प्रदेश के कुछ कांग्रेसी नेता हमेशा नक्सलियों के पक्ष में बोलते हैं। अब खड़गे का शाह के दौरे पर सवाल उठाना, कहीं न कहीं उसी ‘भाईचारे’ की परंपरा को निभाने जैसा लगता है।


“मोदी और शाह का फोबिया हो गया है कांग्रेस को”

केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम सुनते ही बेचैनी होने लगती है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस के नेता जागते-सोते मोदी और शाह के खिलाफ सोचते रहते हैं। उनके हर काम में मीन-मेख निकालना उनकी राजनीतिक आदत बन गई है।”


राहुल गांधी के विदेश दौरे पर तीखा तंज

मंत्री कश्यप ने खड़गे पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी के बार-बार विदेश जाने की आदत पर करारा तंज कसा। उन्होंने कहा,
“अगर खड़गे कहते हैं कि शाह बार-बार छत्तीसगढ़ क्यों आते हैं, तो पहले खड़गे यह जवाब दें कि राहुल गांधी बार-बार विदेश क्यों जाते हैं? क्या उनके ससुराल या घर विदेश में है?”

उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी संसद सत्र हो या देश में कोई बड़ा आंदोलन, हर वक्त विदेश दौरे पर निकल जाते हैं और वहाँ जाकर भारत और भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ बयानबाजी करते हैं।


“शाह बस्तर को उसका अधिकार दिलवाने आ रहे हैं”

केदार कश्यप ने कहा कि अमित शाह का दौरा बस्तर और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
“वे नक्सलवाद के खात्मे के लिए आ रहे हैं,
वे बस्तर को उसका हक दिलाने आ रहे हैं,
वे प्रदेश के आदिवासी अंचलों में विकास और स्थायित्व लाने के लिए आ रहे हैं।”


निष्कर्ष:

वन मंत्री केदार कश्यप का यह बयान न केवल कांग्रेस और उसके शीर्ष नेताओं पर सीधा हमला है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ में अमित शाह की बढ़ती सक्रियता और केंद्र की नक्सल विरोधी रणनीति को राजनीतिक तौर पर चुनौती देने वालों को करारा जवाब भी है। उन्होंने कांग्रेस पर सुरक्षा और विकास जैसे गंभीर मुद्दों का भी राजनीतिक लाभ के लिए विरोध करने का आरोप लगाया और राहुल गांधी के विदेश दौरों को लेकर तीखी आलोचना की।

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