Aloo ke Gutke: उत्तराखंड की हर थाली की शान! जानिए पहाड़ी आलू के गुटके की असली रेसिपी – सिर्फ 10 मिनट में तैयार

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उत्तराखंड का पारंपरिक स्वाद अब आपके किचन में! ‘आलू के गुटके’ – ये नाम सुनते ही हर पहाड़ी के मुंह में पानी आ जाता है। देशी घी, सरसों का तेल, और मसालों की खुशबू के साथ जब उबले हुए आलू मिलते हैं, तो तैयार होती है ये स्वाद से भरपूर पहाड़ी डिश। खास बात यह है कि यह डिश सिर्फ 10 मिनट में बन जाती है और खाने के साथ-साथ पूजा-पाठ, त्यौहारों और खास अवसरों पर भी परोसी जाती है।


‘आलू के गुटके’ – क्यों है उत्तराखंड की पहचान?

उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में ‘आलू के गुटके’ को बेहद सम्मान के साथ परोसा जाता है। यह डिश जितनी सिंपल दिखती है, उतनी ही गहराई से स्वाद से भरी होती है। चाहे पारंपरिक पहाड़ी भोज हो या रोज का लंच – बिना ‘गुटके’ के थाली अधूरी मानी जाती है।


बनाने के लिए सामग्री (Ingredients)

सामग्री मात्रा
उबले आलू (छिले और कटे हुए) 5 मध्यम आकार के
सरसों का तेल 2 टेबलस्पून
राई (सरसों) 1 टीस्पून
जीरा 1 टीस्पून
कुटी लाल मिर्च 1 टीस्पून
हल्दी ½ टीस्पून
हींग 1 चुटकी
नमक स्वादानुसार
हरी धनिया पत्ती सजाने के लिए

पकाने की विधि (Step-by-Step Recipe)

1️⃣ सबसे पहले उबले हुए आलू को मोटे टुकड़ों में काट लें।
2️⃣ कढ़ाही में सरसों का तेल गरम करें।
3️⃣ तेल गरम होने पर उसमें राई डालें – जब चटकने लगे तो जीरा, हींग और कुटी लाल मिर्च डाल दें।
4️⃣ अब हल्दी पाउडर डालें और मसाले को कुछ सेकंड्स तक भूनें।
5️⃣ अब कटे हुए आलू डालें और मसालों के साथ अच्छी तरह मिक्स करें।
6️⃣ स्वादानुसार नमक डालें और मध्यम आंच पर 7–10 मिनट तक भूनें जब तक आलू थोड़े कुरकुरे न हो जाएं।
7️⃣ गैस बंद करें, ऊपर से धनिया पत्ती डालें और गरमा-गरम परोसें।


बोनस टिप्स – स्वाद और भी निखारने के लिए

✅ असली स्वाद के लिए सरसों का तेल ही इस्तेमाल करें, रिफाइंड तेल से स्वाद कम हो सकता है।
✅ उबले आलू बहुत ज़्यादा नरम न हों, नहीं तो फ्राई करते समय टूट सकते हैं।
✅ चाहें तो कढ़ी पत्ते या भुना जीरा पाउडर भी ऊपर से डालकर स्वाद को नया ट्विस्ट दे सकते हैं।
✅ इसे कड़ी, पूरी या सादे चावल के साथ भी खाया जा सकता है।


‘गुटके’ सिर्फ डिश नहीं, एक पहाड़ी एहसास है!

‘आलू के गुटके’ खाने का मतलब सिर्फ एक डिश खाना नहीं, बल्कि पहाड़ की मिट्टी, मसालों और संस्कृति को स्वाद में महसूस करना है। अगर आपने इसे अब तक नहीं चखा, तो आज ही इस रेसिपी को ट्राय करें – यकीन मानिए, आप दोबारा जरूर बनाएंगे।


इस रेसिपी को शेयर करें और उत्तराखंड के पारंपरिक स्वाद को हर घर तक पहुंचाएं।

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