Parenting Tips: बच्चा हर बात पर करता है बहस? इन 6 तरीकों से डालें ‘सुनने की आदत’, दिखेगा चौंकाने वाला बदलाव

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क्या आपका बच्चा हर छोटी-बड़ी बात पर बहस करने लगता है? क्या आप समझ नहीं पा रहे कि कैसे उसे समझाएं या शांत करें? तो जानिए कुछ आसान और असरदार पैरेंटिंग टिप्स, जिनसे आपके बच्चे में बहस की बजाय ‘सुनने और समझने’ की आदत विकसित होगी।


बच्चा बहस क्यों करता है?

बच्चों में जिज्ञासा होना स्वाभाविक है, लेकिन जब वे हर बात में तर्क-वितर्क करने लगें, तो यह व्यवहार अनुशासन की कमी, आत्म-अभिव्यक्ति की आवश्यकता, या घर के माहौल से भी जुड़ा हो सकता है। लगातार बहस करने से बच्चे में गुस्सा, चिड़चिड़ापन और निगेटिव सोच भी पनप सकती है।


बच्चे की सुनने की आदत कैसे डालें? अपनाएं ये 6 असरदार पैरेंटिंग उपाय

1️⃣ खुद सुनने की आदत डालें – तभी बच्चा सीखेगा

जब आप अपने बच्चे की बातों को गंभीरता से सुनेंगे, तो वह भी आपकी बात को उसी ध्यान से सुनेगा।
“जब हम सुनते हैं, तब बच्चे सीखते हैं कि सुना जाना कैसा लगता है।”


2️⃣ बहस को तर्क में बदलें – डांटें नहीं, संवाद करें

बच्चा जब किसी बात पर बहस करे, तो उससे पूछें – “तुम ऐसा क्यों सोचते हो?”
फिर उसे शांति से समझाएं।
इससे वह सीखेगा कि असहमति भी सम्मानजनक ढंग से जाहिर की जा सकती है।


3️⃣ स्पष्ट नियम और सीमाएं तय करें

हर मुद्दे पर बहस न हो, इसके लिए कुछ स्पष्ट नियम बनाएं।
जैसे:

  • स्कूल के काम में देर नहीं होगी

  • TV सिर्फ एक घंटे चलेगा

  • किसी की बात नहीं काटी जाएगी

इससे बच्चे को पता होगा कि किन चीजों पर बात हो सकती है और किन पर नहीं।


4️⃣ गुस्से में प्रतिक्रिया न दें – संयम सबसे बड़ी कुंजी

अगर बच्चा बहस करता है, तो आप गुस्से में जवाब देने से बचें।
थोड़ा रुकें, सोचें और फिर शांति से जवाब दें।
बच्चे को अपने व्यवहार में सुधार के लिए माहौल चाहिए, मुकाबला नहीं।


5️⃣ खुद बनें रोल मॉडल – जैसा देखेगा, वैसा सीखेगा

बच्चे अपने माता-पिता को देखकर बोलना, बहस करना, या शांत रहना सीखते हैं।
अगर घर में बात-बात पर चिल्लाकर संवाद होता है, तो बच्चा भी वही सीखेगा।
शांत, पॉजिटिव और तर्कपूर्ण व्यवहार से बच्चा बेहतर तरीके से सुनना सीखेगा।


6️⃣ तारीफ और प्रोत्साहन से करें प्रेरित

जब बच्चा आपकी बात शांति से सुने या बहस न करे, तो उसकी तारीफ करें

  • “मुझे अच्छा लगा कि तुमने ध्यान से सुना!”

  • “आज तुमने बहुत समझदारी से बात की!”

कभी-कभी इनाम देकर भी उसे अच्छी आदत के लिए प्रेरित किया जा सकता है।


नतीजा: सुनना सिखाएंगे तो बनेगा अनुशासित और समझदार बच्चा

बच्चों की बहस करने की आदत को एक दिन में नहीं बदला जा सकता, लेकिन अगर सही तरीके से संवाद किया जाए और उन्हें ‘सुनने’ की आदत सिखाई जाए, तो वे न सिर्फ अच्छे श्रोता बनेंगे, बल्कि भविष्य में बेहतर लीडर, सोचने वाले और संवेदनशील इंसान भी बन सकते हैं।


पैरेंट्स के लिए जरूरी सलाह:

बच्चे को दबाना नहीं, दिशा देना जरूरी है
बहस को संवाद में बदलना ही परिपक्वता की शुरुआत है
प्यार और समझदारी से ही बच्चे की आदतें सुधारी जा सकती हैं

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