छत्तीसगढ़ के किसानों को मिली नैनो डीएपी की ताकत: उत्पादन बढ़ा, लागत घटी

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खेती में तकनीकी क्रांति की शुरुआत

छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र एक नई तकनीकी क्रांति की दहलीज पर खड़ा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए पारंपरिक डीएपी का आधुनिक विकल्प – नैनो डीएपी उपलब्ध कराया है, जो अब राज्यभर के किसानों की नई ताकत बन चुका है।

खरीफ सीजन 2025 के लिए सभी जिलों की सहकारी समितियों में नैनो डीएपी की समय पर और सुचारु आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।


नैनो डीएपी: कम मात्रा में अधिक असर

क्या है नैनो डीएपी?
सिर्फ 500 मि.ली. की एक बोतल में मौजूद पोषक तत्व 45 किलो पारंपरिक डीएपी के बराबर।
इस तकनीक से:

  • मिट्टी की गुणवत्ता बनी रहती है

  • फसल को संतुलित पोषण मिलता है

  • उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है

  • उर्वरक लागत में कमी आती है

राज्य सरकार इस परिवर्तन को पर्यावरण-अनुकूल और टिकाऊ खेती की दिशा में एक बड़ा कदम मानती है।


कोरबा बना सफल मॉडल – वितरण और जागरूकता दोनों में आगे

कोरबा जिले में नैनो डीएपी वितरण का बेहद प्रभावशाली क्रियान्वयन हो रहा है।
कलेक्टर श्री अजीत वसंत के मार्गदर्शन में:

  • 8514 नैनो डीएपी और 14233 नैनो यूरिया की बोतलें प्राप्त

  • अब तक 18087 बोतलें वितरित

  • शेष 4660 बोतलें स्टॉक में – सहकारी समितियों के पास उपलब्ध

सभी समितियों को यह निर्देशित किया गया है कि किसानों को बिना किसी रुकावट के उर्वरक मिले, और स्टॉक की नियमित रिपोर्टिंग हो।


जागरूकता के लिए राज्यभर में अभियान

राज्य सरकार ने किसानों को जागरूक करने के लिए एक विस्तृत जनसंपर्क अभियान भी शुरू किया है:

  • ग्राम स्तर की बैठकों के माध्यम से तकनीकी जानकारी

  • पोस्टर, बैनर, फ्लेक्स द्वारा प्रचार

  • कृषि विस्तार अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी

  • नैनो डीएपी के लाभ और उपयोग विधि की जानकारी


किसानों में बढ़ा भरोसा, परिणाम उत्साहजनक

पिछले साल की तुलना में इस वर्ष नैनो डीएपी को लेकर किसानों में कहीं अधिक विश्वास देखा गया है।
इसके पीछे मुख्य कारण हैं:

  • समय पर आपूर्ति

  • सुलभ उपलब्धता

  • प्रशासनिक तत्परता

  • किसान-हितैषी सोच

अब किसान इसे भरोसेमंद विकल्प के रूप में अपना रहे हैं।


खेती को बना रहे हैं भविष्य के लिए तैयार

राज्य सरकार का लक्ष्य है कि:

  • नैनो तकनीक आधारित उर्वरकों को बढ़ावा दिया जाए

  • खेती को लाभकारी और टिकाऊ बनाया जाए

  • मिट्टी और पर्यावरण की रक्षा के साथ उत्पादन बढ़े

नैनो डीएपी इस दिशा में एक सशक्त और वैज्ञानिक पहल है, जो छत्तीसगढ़ के कृषि भविष्य को बदलने की क्षमता रखती है।


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