रायपुर। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को ओवररेटेड खाद्य सामग्री और पानी की बोतलें खरीदने की मजबूरी से अब राहत मिलने वाली है। भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब रेलवे जोन स्तर पर प्रमुख स्टेशनों पर ऑटोमेटिक वेंडिंग मशीनें लगाने जा रहा है, जो यात्रियों को 24 घंटे बिना किसी दुकानदार या काउंटर के सीधे सामान उपलब्ध कराएंगी।
इन मशीनों से यात्री किसी भी समय पानी, कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, बिस्किट, नमकीन और अन्य पैक्ड स्नैक्स निर्धारित दामों पर खरीद सकेंगे। इससे न केवल ओवररेटिंग की समस्या पर अंकुश लगेगा, बल्कि स्टेशन परिसर में खरीदारी का अनुभव भी अत्याधुनिक और आसान हो जाएगा।
✅ बिना दुकान, बिना दुकानदार – तकनीक करेगी सेवा
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, ये वेंडिंग मशीनें पूरी तरह से ऑटोमेटिक हैं और इन्हें इस तरह डिजाइन किया गया है कि ग्राहक को किसी दुकान या सेल्समैन की जरूरत न हो। बस मशीन के टच स्क्रीन पर अपनी पसंद का आइटम चुनिए, यूपीआई या क्यूआर कोड से पेमेंट कीजिए, और चंद सेकंड में सामान आपकी जेब में!
कैश की कोई जरूरत नहीं, छुट्टे पैसे के झंझट से मुक्ति। मशीनों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि वे नकद, डेबिट/क्रेडिट कार्ड और मोबाइल पेमेंट सभी विकल्पों को स्वीकार करती हैं।
पहली शुरुआत बिलासपुर से, जल्द रायपुर-दुर्ग में भी
इस आधुनिक सुविधा की शुरुआत बिलासपुर रेलवे स्टेशन से हो चुकी है। जल्द ही यह सुविधा रायपुर, दुर्ग, रायगढ़, राजनांदगांव, जगदलपुर जैसे अन्य प्रमुख स्टेशनों पर भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह मशीनें एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशनों पर पहले से मौजूद हैं, लेकिन रेलवे अब इसे आम यात्रियों की सुविधा के लिए बड़े स्तर पर लागू करने जा रहा है।
रेलवे प्रशासन का मानना है कि यह पहल स्टेशनों पर साफ-सफाई, समय की बचत और ग्राहक संतुष्टि के नए मानक तय करेगी।
रात में भी मिलेगा खाना-पानी, अब नहीं रहना पड़ेगा भूखे
रेलवे स्टेशनों पर अक्सर रात के समय दुकानें बंद हो जाती हैं और यात्री भूखे-प्यासे रह जाते हैं या स्टेशन से बाहर जाना पड़ता है। लेकिन अब इन ऑटोमैटिक मशीनों की मदद से रात के समय भी खाने-पीने की जरूरी चीजें उपलब्ध होंगी। यह सुविधा खासतौर पर उन यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी जो देर रात यात्रा करते हैं या ट्रेन के इंतजार में रहते हैं।
स्वच्छता में भी मददगार
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वेंडिंग मशीन से खरीदे गए उत्पादों के खाली पैकेट या कचरे को प्लेटफॉर्म पर लगे डस्टबिन में ही डालें। इससे स्टेशन परिसर में स्वच्छता बनी रहेगी और स्वच्छ भारत मिशन को भी बल मिलेगा।
3 से 6 लाख तक कीमत वाली ये मशीनें होंगी अत्याधुनिक
जानकारी के अनुसार, इन मशीनों की कीमत 3 लाख से 6 लाख रुपये तक है। लेकिन यह निवेश यात्रियों के लिए सुविधाजनक, सुरक्षित और भरोसेमंद सेवा के रूप में वापस लौटेगा।
ये मशीनें न केवल खाने-पीने की सुविधा को आसान बनाएंगी, बल्कि स्टेशनों को स्मार्ट स्टेशन की दिशा में भी ले जाएंगी। रेलवे की यह तकनीकी पहल आने वाले समय में छोटे स्टेशनों पर भी पहुंचाई जाएगी।