दिल्ली सरकार ने राजधानी में अवैध दवाओं की बिक्री और नशीली पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। दिल्ली ड्रग कंट्रोल विभाग ने सभी मेडिकल स्टोर और फार्मेसी संचालकों को एक सख्त एडवाइजरी जारी करते हुए निर्देश दिया है कि जुलाई माह के अंत तक प्रत्येक मेडिकल स्टोर में CCTV कैमरे अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। यह फैसला राजधानी में नशे के लिए दवाओं के दुरुपयोग और उनकी अवैध बिक्री को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
एडवाइजरी में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर 31 जुलाई 2025 तक किसी मेडिकल स्टोर पर CCTV कैमरे नहीं लगे पाए गए, तो संबंधित संचालक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने इस नियम को गंभीरता से लागू करने का निर्णय लिया है, और इसके लिए सभी केमिस्ट एसोसिएशनों को भी इस आदेश के पालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस कदम के पीछे की बड़ी वजह है – कुछ दवाओं का नशे के रूप में दुरुपयोग। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ Schedule H, H1 और X कैटेगरी की दवाओं का उपयोग न केवल इंसानों बल्कि जानवरों पर भी नशे और गलत प्रयोग के लिए किया जा रहा था। इतना ही नहीं, इन दवाओं का इस्तेमाल कपड़ा उद्योग, रसायनों और खाने-पीने की चीजों में मिलावट के लिए भी किया जा रहा था। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए 18 जुलाई को हुई नेशनल नारकोटिक्स कोऑर्डिनेशन पोर्टल की बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया और दिल्ली सरकार ने तुरंत प्रभाव से कार्रवाई का निर्णय लिया।
किन दवाओं पर बढ़ी सख्ती?
दिल्ली सरकार द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक, निम्नलिखित कैटेगरी की दवाओं की बिक्री पर विशेष निगरानी रखी जाएगी:
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Schedule H दवाएं: इनमें सामान्य दर्द निवारक और मौसमी बुखार जैसी बीमारियों की दवाएं आती हैं। ये सबसे अधिक बिकने वाली दवाओं में शामिल हैं। अब इन्हें भी बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं बेचा जा सकेगा।
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Schedule H1 दवाएं: ये मुख्य रूप से एंटीबायोटिक्स और टीबी की दवाएं होती हैं। इनकी बिक्री के लिए फार्मेसी संचालक को ग्राहकों का पूरा विवरण रजिस्टर में दर्ज करना अनिवार्य होगा।
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Schedule X दवाएं: ये दवाएं अत्यंत संवेदनशील होती हैं, जिनमें साइकोटिक ड्रग्स शामिल हैं। इनकी बिक्री के लिए विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इन्हें सुरक्षित लॉक सिस्टम में रखा जाता है और इन पर कड़ी निगरानी रहती है। बिना वैध प्रिस्क्रिप्शन के इनकी बिक्री सख्त रूप से प्रतिबंधित है।
दिल्ली के कई ग्रामीण और बाहरी इलाकों में आज भी CCTV निगरानी की व्यवस्था नहीं है, लेकिन सरकार ने साफ कर दिया है कि नियमों से कोई छूट नहीं दी जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राजधानी को नशामुक्त और सुरक्षित बनाना प्राथमिकता है, और इसके लिए निगरानी और दवा बिक्री की पारदर्शिता जरूरी है।
इस फैसले से दिल्ली में दवाओं की अवैध बिक्री, नशे की लत और मिलावट जैसे अपराधों पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह कदम एक उदाहरण बनेगा कि कैसे सरकार टेक्नोलॉजी और निगरानी के माध्यम से समाज के स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में प्रभावी कार्य कर सकती है।