दुर्ग|उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा में 22वें तीर्थंकर भगवान नेमिनाथ प्रभु के जन्म-दीक्षा कल्याणक और जैनाचार्य विजय लब्धि सूरीश्वर मसा की 68वीं पुण्यतिथि पर श्रावण सुदी तृतीया से श्री नेम-लब्धि अष्टान्हिका महोत्सव की शुरुआत हुई। आठ दिवसीय आयोजन के पहले दिन सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में गिरनार महातीर्थ की भावयात्रा की गई। साध्वी लब्धियशा श्रीजी मसा ने गिरनार पर्वत की महिमा, तीर्थपति की प्राप्ति और तलेटी से शिखर तक की यात्रा का विवेचन प्रस्तुत किया। उन्होंने गिरनार को सिद्ध भूमि बताते हुए कहा कि यह तीर्थ न केवल जैन धर्मावलंबियों बल्कि अन्य धर्मावलंबियों की भी आस्था का केंद्र है।