रायपुर/दुर्ग से रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो ननों की गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति में तूफान ला दिया है। जहां एक ओर वामपंथी खेमे की तेजतर्रार नेता वृंदा करात राज्य सरकार पर बरसीं, वहीं दूसरी ओर बजरंग दल ने इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है। पूरा मामला अब धर्मांतरण, मानव तस्करी और आदिवासी हितों की राजनीति के त्रिकोण में फंस चुका है।
वृंदा करात ने बोला सरकार पर हमला, लगाए गंभीर आरोप
रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वरिष्ठ माकपा नेता वृंदा करात ने राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा—
“हमने गिरफ्तार ननों से मुलाकात की, जिन लड़कियों की ट्रैफिकिंग की बात कही जा रही है, उनके माता-पिता से भी बात की। ननों ने कोई अपराध नहीं किया, बल्कि उन्हें पीटा गया, गालियां दी गईं—और ये सब पुलिस के सामने हुआ।”
वृंदा करात ने यह भी आरोप लगाया कि—
“बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जबरन मारपीट कर बयान दिलवाने की कोशिश की, यह सीधा संविधान का उल्लंघन है। एफआईआर में धर्मांतरण और ट्रैफिकिंग दोनों जोड़ दिए गए हैं—क्या छत्तीसगढ़ में कानून का अलग मतलब है?”
उन्होंने FIR को तत्काल रद्द करने की मांग करते हुए कहा कि—
“सरकार को संविधान का सम्मान करना चाहिए, न कि उग्र संग