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सीतापुर/सरगुजा से रिपोर्ट
सीतापुर की सड़कों पर एक नया खौफ मंडरा रहा है—बाइकर्स गैंग का आतंक। ये नाबालिग स्टंटबाज न सिर्फ ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, बल्कि छात्राओं से छेड़खानी और राह चलते लोगों को परेशान करना इनका रोज़ का खेल बन गया है। पुलिस की चुप्पी और प्रशासन की निष्क्रियता ने हालात को और बिगाड़ दिया है।
कानफोड़ू साइलेंसर, जानलेवा रफ्तार
इन बाइकर्स के शौक हैं—मॉडिफाइड साइलेंसर, बिना हेलमेट स्टंट, और नशे में तेज रफ्तार। कानफोड़ू आवाज़ें और सड़कों पर खतरनाक स्टंट देखकर लोग अब मुख्य सड़कों पर निकलने से भी डरने लगे हैं।
छेड़खानी के बाद फरार, कोई रोकने वाला नहीं!
राह चलती छात्राएं और महिलाएं इनका सबसे आसान निशाना हैं। छेड़खानी कर भाग जाना, और अगर किसी ने टोक दिया तो खुलेआम मारपीट—बाइकर्स गैंग की यही ‘शक्ति प्रदर्शन’ बन चुकी है।
मौत के आंकड़े डराते हैं, पुलिस फिर भी सो रही है
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पिछले साल योगगुरु उत्तम गुप्ता की बाइक एक्सीडेंट में दर्दनाक मौत।
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बाइक मिस्त्री गुड्डू का इकलौता बेटा भी तेज रफ्तार की भेंट चढ़ गया।
इतनी घटनाओं के बावजूद कोई स्थायी पुलिस कार्रवाई नहीं हुई। क्या पुलिस को किसी वीआईपी के घायल होने का इंतज़ार है?
कानून तो है, लेकिन लागू कौन करेगा?
नाबालिग बाइकर्स के खिलाफ कानून में साफ है—
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अभिभावकों की ज़िम्मेदारी तय
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बिना लाइसेंस गाड़ी चलाने पर जुर्माना और केस दर्ज
लेकिन यहां ना चालान हो रहे, ना अभिभावकों पर कोई कार्रवाई। नतीजा—बदमाश बच्चों में पुलिस का डर खत्म, और आतंक चरम पर।
नागरिकों की मांग – शहर को इस गैंग से बचाओ!
नगरवासियों ने पुलिस से मांग की है कि—
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CCTV फुटेज के ज़रिए गैंग की पहचान की जाए
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नियमित जांच अभियान चलाए जाएं
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नाबालिगों के गाड़ी चलाने पर माता-पिता पर केस किया जाए