छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई-3 थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसे में 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। घटना गनियारी गांव की है, जहां भुट्टे के खेत में लगे करंटयुक्त तार से मासूम की जान चली गई। खेत में भुट्टा खाने गए बच्चे का पैर जैसे ही फेंसिंग तार से टकराया, उसे जोरदार झटका लगा और वह मौके पर ही बेहोश हो गया। परिजनों ने जब बच्चे को अस्पताल पहुंचाया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
खेत में लगा था करंट, मासूम की गई जान
जानकारी के मुताबिक, मृतक बालक का नाम कामेश्वर डहरिया (12) है। वह अपने दोस्तों धनेश्वर बंजारे, मयंक टंडन और अन्य के साथ गांव के पास सिरसा-खार डीएमसी रोड की तरफ खेतों में घुमने गया था। उसी दौरान भुट्टा खाने की चाह में वह योगेश वर्मा के खेत में घुसने लगा, जहां फसल की सुरक्षा के लिए तार से फेंसिंग की गई थी, जिसमें बिजली का करंट प्रवाहित किया जा रहा था।
जैसे ही कामेश्वर का पैर तार से टकराया, वह करंट की चपेट में आ गया और बेहोश होकर वहीं गिर पड़ा। दोस्तों ने शोर मचाया और किसी तरह उसे खेत से निकालकर मेढ़ पर लिटाया। सूचना मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे और 108 एंबुलेंस को कॉल कर बच्चे को सुपेला सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
खेत मालिक पर गैर इरादतन हत्या का केस
घटना की रिपोर्ट मृतक के पिता रामा डहरिया ने दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए खेत मालिक योगेश वर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 106 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
बड़े सवाल उठते हैं
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आखिर बिना चेतावनी के खेत में बिजली प्रवाहित करना किस कानून के तहत सही है?
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क्या किसी किसान को ऐसा खतरनाक इंतजाम करने का अधिकार है, जिससे किसी की जान जा सकती है?
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प्रशासन और बिजली विभाग ने इस अवैध फेंसिंग को क्यों नहीं रोका?
यह कोई पहली घटना नहीं है
छत्तीसगढ़ समेत देशभर में कई बार इस तरह के करंटयुक्त तारों के कारण मासूमों या पशुओं की मौत होती रही है। प्रशासन की लापरवाही और जागरूकता की कमी से ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।